छत्तीसगढ़

श्री राम जन्मभूमि दुनिया मे एक ही है , मस्जिद तो कही भी बन सकती है : स्वामी सदानंद सरस्वतीजी

श्री सनातन वैदिक धर्मानुरागी ट्रस्ट के तत्वावधान में, पूज्यपाद ब्रह्मलीन श्री चंद्रशेखए पंडितजी महाराज की पावन स्मृति में बड़ौदा में...

राजराजेश्वरी मंदिर में भक्तों ने किया हवन व कन्या पूजन

जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम में विराजित भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी ललिता प्रेमाम्बा माता की आज प्रातः काल अष्टमी की संध्या पूजन...

आरआईटी के विद्यार्थियों ने पक्षियों को बचाने हेतु दिया संदेश।

रायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने गर्मियों में पक्षियों को पानी के अभाव में जान न गंवाना...

योग आयोग के अध्यक्ष ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल (कैबिनेट मंत्री दर्ज प्राप्त) ने आज प्रातः पतंजलि योग समिति के सह राज्य...

” रस ऑयल्स ” एशिया के बेस्ट आर्गेनिक प्रोडक्ट के लिए नॉमिनेट हुआ।

रायपुर शहर की यंग इंटरप्रेन्योर शुभीका जैन ने "रस" के नाम से आर्गेनिक ऑयल्स निर्मित की है जो एशिया के बेस्ट आर्गेनिक...

मुख्यमंत्री आबादी पट्टे से मिलेगा मालिकाना हक…

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में अनेक प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है लेकिन जो आबादी भूमि में...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के  इंदागांवरेंज में सागौन की अवैध कटाई, अधिकारियों के ना रहने से तस्करों के हौसले बुलंद |

मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र इंदागांव में इंदागांव से बुडगेटप्पा तक के इलाके में...

गुंडरदेही आज ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एवं युवा कांग्रेस की ओर से नवनिर्वाचित कांग्रेस

गुंडरदेही आज ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एवं युवा कांग्रेस की ओर से नवनिर्वाचित कांग्रेस संगठन कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष एवं...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।