छत्तीसगढ़

स्कूली बच्चे कलेक्टर को देखने सुनने गर्मी में तर पसीने में पंडाल में बैठे रहे वही कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ हरिहर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत लगाए जाने वाले पौधे रोपण में आकर बैरंग चले गए और धान के खेत मे धान लगा रहे है….

ब्रेकिंग स्कूली बच्चे कलेक्टर को देखने सुनने गर्मी में तर पसीने में पंडाल में बैठे रहे वही कलेक्टर व जिला...

शिविर में नहीं पहुंचे तहसीलदार और पटवारी जाति प्रमाणपत्र बनवाने छात्र करते रहे इंतिजार…

शिविर में नहीं पहुंचे तहसीलदार और पटवारी जाति प्रमाणपत्र बनवाने छात्र करते रहे इंतिजार साजा:- साजा ब्लॉक के ग्राम चिल्फी...

स्कूल बस ने बाइक सवार मां-बेटे को मारी टक्कर… मां की मौके पर ही हो गई मौत, बेटे की हालत गंभीर…आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल बस को पलटा…इलाके में तनाव की स्थिति…

...स्कूल बस ने बाइक सवार मां-बेटे को मारी टक्कर… मां की मौके पर ही हो गई मौत, बेटे की हालत...

महासमुंद लोकसभा के सांसद श्री चंदू लाल साहू जी महासमुंद जिले में वन महोत्सव कार्यक्रम व मोबाईल वितरण कार्यक्रम में हुए शामिल*

*महासमुंद लोकसभा के सांसद श्री चंदू लाल साहू जी महासमुंद जिले में वन महोत्सव कार्यक्रम व मोबाईल वितरण कार्यक्रम में...

प्रगतिशील किसान संगठन की हुई बैठक, आगामी 19 सितम्बर को होगा किसान सम्मेलन

प्रगतिशील किसान संगठन की हुई बैठक, आगामी 19 सितम्बर को होगा किसान सम्मेलन बेमेतरा - राष्ट्रीय किसान महासंघ के आह्वान...

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के साथ , विभाग के कर्मचारी के द्वारा अपशब्दो व धक्कमुक्की की शिकायत

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के साथ , विभाग के कर्मचारी के द्वारा अपशब्दो व धक्कमुक्की की शिकायत सीएमएचओ ने खण्ड...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में लाखों का डीजल पी गये अधिकारी, पेट्रोलिंग और तालाब में पानी भरने के नाम पर बना दिए लाखो का फर्जी वाउचर –

*उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में लाखों का डीजल पी गये अधिकारी, पेट्रोलिंग और तालाब में पानी भरने के नाम पर...

कुसंग से बचने के लिए सत्संग करना चाहिए : स्वरूपानंद सरस्वती।।

कुसंग से बचने के लिए सत्संग करना चाहिए : स्वरूपानंद सरस्वती।। वृंदावन के उड़िया बाबा आश्रम में आयोजित ज्योतिष एवं...

मॉस्क और बॉडी वार्न कैमरे से लैस होगी यातायात पुलिस…

मॉस्क और बॉडी वार्न कैमरे से लैस होगी यातायात पुलिस रायपुर 30 जुलाई (हि.स.)। पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय की अध्यक्षता...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।