उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में लाखों का डीजल पी गये अधिकारी, पेट्रोलिंग और तालाब में पानी भरने के नाम पर बना दिए लाखो का फर्जी वाउचर –
*उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में लाखों का डीजल पी गये अधिकारी, पेट्रोलिंग और तालाब में पानी भरने के नाम पर बना दिए लाखो का फर्जी वाउचर – ( तीव कुमार सोनी- मैनपुर )*
(मैनपुर-तीव कुमार सोनी )-
मैनपुर । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डीजल के नाम पर लाखों का भ्रष्ट्राचार किया गया है । वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु लगातार पेट्रोलिंग करने व जंगलो के तालाबो में जनरेटरों से पानी भरने के लिए डीजल व्यय होना दर्शा कर लाखो का फर्जी वाउचर बना कर शासकीय राशि का गोलमाल कर दिया गया है ।
मजेदार बात यह है कि जब अधिकारियों से डीजल व्यय के संबंध में पूछा गया तब अधिकारियों ने बाकायदा पत्र जारी कर बताया कि डीजल व्यय के बारे में बता पाना संभव ही नही है । ये तो बड़ी ही अजीब बात है कि लाखों का डीजल व्यय तो किया गया है पर उसका हिसाब बता पाना असंभव है । अधिकारीयो का इस प्रकार के कथन से यह सिद्ध हो जाता है कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में ना तो पेट्रोलिंग किया जाता है।
और ना ही तालाबो में पानी भरा जाता है । पर डीजल व्यय के नाम पर लाखो की राशि का बिल जरूर बना लिया जाता है । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में लगातार वन्य प्राणियों का खुलेआम शिकार किया जाता है अगर वन विभाग वाले पेट्रोलिंग करते तो अवैध शिकार को अवश्य ही रोका जा सकता है,परन्तु ऐसा किया जाता नही है,वन विभाग के अधिकारी ए सी रूम में बैठे बैठे ही जंगलो की पेट्रोलिंग करने का रिपोर्ट तैयार कर लेते है जंगलो को झांकने तक नही जाते है । पेट्रोलिंग नही करने का अवैध शिकारी जोरदार फायदा उठा कर अवैध शिकार कर वन्य प्राणियों को मार डालते है ।
वन विभाग के अधिकारीयो का कहना है कि गर्मियों में वन्य प्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए जनरेटरों के द्वारा तालाबो में पानी भरा जाता है । जिसमे भारी मात्रा में डीजल व्यय किया जाता है । परंतु वास्तविकता यह है कि किसी भी तालाब में पानी नही भरा जाता है गर्मियों में तालाब सुख जाते है ।
पानी की तलाश में वन्य प्राणी गांवो के पास आ जाते है और उनका अवैध शिकार कर लिया जाता हूं । अब विचार योग्य बात यह है कि ना तो पेट्रोलिंग किया जाता है और ना ही जनरेटर चलाया जाता है तो फिर लाखो का डीजल व्यय कैसे हो जाता है । क्या लाखो के डीजल को अधिकारी पी जाते है , यह जांच का भी विषय है ।