छत्तीसगढ़

मैनपुर ब्लाॅक में बढता जा रहा है कोरोना संक्रमितों का मामला,मैनपुर अस्पताल में जांच के दौरान 06 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद - गरियाबंद जिले में अब लगातार प्रतिदिन कोरोना महामारी का कहर बढता ही जा रहा है, जिसके...

नम आंखो से भगवान गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तु जल्दी आ के जयकारो के साथ तालाबो मे किया गया गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन...

गरियाबंद जिले के जेईई और नीट की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विशेष जानकारी- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । गरियाबंद: जिले के जो छात्र जेईई और नीट में शामिल होना चाहते है गरियाबंद जिला प्रशासन...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन के मार्गदर्शन में की गई बडी कार्यवाही- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद - उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जंगल के भीतर हरे भरे वृक्षों की अवैध कटाई कर सरकारी...

ऑनलाइन क्लास लेकर प्रतिदिन बच्चो को कर रहे पढाई के प्रति प्रेरित- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद - एक ओर जंहा पिछले कई महीनों से वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पढाई लिखाई ठप्प...

कोविड-19 के रोकथाम हेतु निजी अस्पताल संचालकों की बैठक – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । गरियाबंद जिले में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु विगत दिवस जिला...

वैश्विक कोरोना महामारी के धनात्मक प्रकरण पाए जाने पर चिकित्सा अधिकारी दिखा रहे हैं जागरूकता उसके रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही करनें का किया फैसला

बालोद–कोविड़ के धनात्मक प्रकरण पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही किया गयासामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर के एक्सरे टेक्नीशियन को कार्य के...

सतनामी समाज ने पुरुर मे किया सद्भावना यात्रा का स्वागत धर्म गुरु रुद्र कुमार साहेब द्वारा निकाली गई है यात्रा..

बालोद… 30 अगस्त रविवार को ग्राम पुरूर मे जिला सतनामी समाज बालोद एवं तहसील सतनामी समाज गुरूर के तत्वावधान मे...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।