बस्तर संभाग तथा ज़िले में लगातार कोरोना के मरीज़ बढ़ रहे हैं

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जगदलपुर शहर में कई परिवार पूरा का पूरा संक्रमण के दायरे में है !कोरोना से लगातार मौत की भी ख़बरें आ रही है !मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की रिपोर्ट भी धनात्मक पाई जा रही है !लोग भयाक्रान्त है तथा कोविड अस्पताल एवं क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था से नाराज़ हैं !लगातार शिकायतें मिलने के पश्चात भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है !मरीज़ों को मिलने वाला भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तरीय है !कोरोना पेशेंट को अपने पीने हेतु गर्म पानी की व्यवस्था स्वयं से करनी होती है ! नहाने के लिए मिलने वाला ठंडा पानी तथा ठंडी चाय की जगह गर्म चाय पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए! शौचालय बदबूदार हैं ,वहाँ की सफ़ाई की व्यवस्था चिंतनीय है !वार्डों में तथा क्वारंटाइन सेंटरों में मरीजों को स्वयं झाड़ू लगाना पड़ रहा है ! मरीज़ों के लिए दोनों समय चाय नाश्ते की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई है !
कोविड टेस्ट हेतु मेडिकल कॉलेज तथा महारानी अस्पताल में व्यवस्था तो की गई है,परंतु वह बेहद ख़तरनाक है !लोगों का कहना है कि सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं होने के कारण चेक कराने वाले को भी संक्रमण का ख़तरा है ! उनके उठने बैठने एवं पंक्ति बनाकर खड़े रहने वाले स्थान ठीक से सेनेटाइज नहीं किए जाते हैं !जिस कारण से कोरोना टेस्ट कराने से लोग घबरा रहे हैं तथापि टेस्टिंग की गति भीबहुत सुस्त है ! विगत दिनों देखा गया है कि कोरोना पाजिटिव सीनियर चिकित्सक के संपर्क मैं रहे दो चिकित्सक जोकि क्वारंटाइन किए गए थे,उन्हें आनन फ़ानन में कोरंटाईन पीरियड मैं ही उन्हें काम में लगा दिया गया,जिसके फलस्वरूप एक अन्य चिकित्सक धनात्मक हो गए!यह लापरवाही का अत्यंत गंभीर उदाहरण है! आम जनता को कोरोना के अतिरिक्त, प्रबंधन की लापरवाही से भी दो चार होना पड़ रहा है !जो लोग संक्रमित पाए गए हैं उनका RT PCR टेस्ट की रिपोर्ट तीन से चार दिनों में आती है ,रिपोर्टआने के पूर्व ही डिस्चार्ज होने की ख़बरें आ रही हैं !यह बेहद ख़तरनाक स्थिति है

सामान्य कोरोना पेशेंट को सुविधा संपन्न होने पर अपने ही घर में आयसोलेट होकर इलाज कराने का अधिकार दिया गया है ,इसके बावजूद होम आइसोलेट होने आम आदमी जानकारी के अभाव में भटक रहा है !जिन लोगों की राजनीतिक या सामाजिक पहुँच है वे तो ज़िलाधीश महोदय से बात कर आईसोलेट होकर इलाज करवा रहे हैं परंतु आम व्यक्ति सुविधा संपन्न होकर भी कोविड अस्पताल में असुरक्षा के बीच अपना इलाज कराने मजबूर है ! इस संबंध में इस प्रक्रिया को सकारात्मक दिशा में सरलीकरण कर वार्ड प्रभारियों यथा आरोग्य समिति, मितानिनों को अधिकार संपन्न बनाना चाहिए,जिससे इसका लाभ सर्वजन को हो सके !
कोरोना से मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए भी काफ़ी असमंजस का वातावरण निर्मित हुआ है !मृतक को जलाने तथा दफ़नाने एवं उसकी अंत्येष्टि क्रियाओं के संबंध में तत्काल सर्व समाज की बैठक बुलाकर एक आम राय बनाना आवश्यक है !मृतक का अंतिम संस्कार हेतु एक अलग से भूमि का चयन,बस्ती से अलग स्थान पर करना चाहिए ! लोग भयभीत व असुरक्षित हैं अतः शासन प्रशासन को शीघ्र संज्ञान लेकर लोगों की भावनाओं एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए उचित क़दम तत्काल उठाना चाहिये!

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