छत्तीसगढ़

अंतर्राज्यीय गैंग के आरोपियों को ठगी के आरोप में बालोद पुलिस ने किया गिरफ्तार..मदद करने के बहाने करता था ए टी एम बदलकर ठगी.

बालोद–एटीएम कार्ड बदलकर और उसका पिन नम्बर प्राप्त कर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के 03 आरोपियों को प्रतापगढ उत्तरप्रदेश...

जिला पंचायत की समान्य सभा बैठक में हुआ , जबर्दस्त हंगामा

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक रही हंगामेदार, राजिम विधायक प्रतिनिधि के प्रश्नो से...

एसडीएम सुरज कुमार साहू ने लिया अनुविभाग स्तरीय समीक्षा बैठक- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर - तहसील मुख्यालय मैनपुर जनपद पंचायत के सभागार में आज शुक्रवार को सभी विभागों के अधिकारियों...

वेतन विसंगति को लेकर 23.1.21 को ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ( टीका कर्मी) का एक दिवसीय प्रांत स्तरीय शांति पूर्वक ध्यान आकर्षण रैली व धरना प्रदर्शन

बालोद–विकास खंड गुरूर के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक स्वास्थ्य संयोजक संघ के प्रांतीय आह्वान पर अपनी वेतन विसंगति व अन्य ज्वलंत...

विकास खंड स्तरीय आयुष स्वास्थ्य मेला एवम् जागरूकता शिविर का आयोजन..

बालोद–विकास खंड गुरूर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रांगण में आयुष विभाग द्वारा निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया...

श्रीराम मंदिर समर्पण निधि के लिये नगर के युवाओं ने राम नाम संकीर्तन संग निकाली सायं फेरी – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर:- अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर बनने जा रहे भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि...

खेल में मान लें तो हार और ठान लें तो जीत सुनिश्चित : संजय नेताम

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर -:देवभोग विकासखंड के ग्राम पंचायत गोहरापदर में एमडीजी क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में आयोजित क्रिकेट मैच...

कोरोना से राहत गरियाबंद – जिला मुख्यालय में पहुंचा कोरोना वैक्सीन – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद - पूरे राज्य के सहित देश भर में बीते 10 महीने से कोरोना संक्रमण से लड़ रहे...

गरियाबन्द जिले में पहुंचा कोरोना वैक्सीन , राहत मिलने की आशा

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द गरियाबंद | पूरे राज्य के सहित देश भर में बीते 10 महीने से कोरोना संक्रमण...

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरूर को संजीवनी 108 की सौगात

बालोद–विकास खंड गुरूर के प्राथमिक केंद्र पुरूर को जय अम्बे एमरजेंसी सेवा समिति रायपुर द्वारा संजीवनी एक्सप्रेस 108 उपलब्ध कराई...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।