छत्तीसगढ़

गुरुर में खुली साईं कृपा ट्रेडर्स , देखिये क्या- क्या मिलेगी यहां सुविधा

गुरुर में खुली साईं कृपा ट्रेडर्स , देखिये क्या- क्या मिलेगी यहां सुविधा बालोद–गुरुर में बुधवार को साईं कृपा ट्रेडर्स...

छत्तीसगढ़ राज्य पैरालंपिक में पदक जीतकर गरियाबंद जिले का नाम किया रोशन- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । प्रेरक संस्था राजिम के संस्था प्रमुख आर.जी. सिन्हा के मार्गदर्शन व जन विकास समिति के सहयोग...

कोरोना काल के लॉक डाउन में जनता से संवाद का माध्यम था मुख्यमंत्री का जनसंपर्क विभाग जिसने अपने काम बखूबी निभाया- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना महामारी के समय जनसंपर्क विभाग द्वारा आम जनता से संवाद कर राहत दिलाया था भाजपा...

जनपद पंचायत सीईओ का फर्जी सील और हस्तारक्षर कर राशन कार्ड का वितरण- इतेश सोनी गरियाबंद

जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव ने मामले पर थाना में एफआईआर दर्ज करावाने की बात कही इतेश सोनी...

छत्तीसगढ़ सरकार का बजट कृषि क्षेत्र के लिए निराशजनक- इतेश सोनी गरियाबंद

अनियमित कर्मचारियों को भी कुछ नहीं दिया :- तेजराम विद्रोही इतेश सोनी गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने 1...

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में COVID 19 टीका करण तीसराचरण का शुभारंभ…

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर में COVID 19 टीका करण तीसराचरण का शुभारंभ बालोद–विकास खंड गुरूर के सामुदायिक में आज जिला...

चिकन खरीदने की लेन देन की बात पर प्राण घातक पत्थर से हमला करने का मामला, गुंडरदेही पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

चिकन खरीदने की लेन देन की बात पर प्राण घातक पत्थर से हमला करने का मामला, गुंडरदेही पुलिस ने तीन...

शिक्षा, कौशल और कार्यो में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रभाव पर राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया गया…

*शिक्षा, कौशल और कार्यो में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रभाव पर राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया गया।* दंतेवाड़ा:- राष्ट्रीय विज्ञान...

भारत को समाज कल्याण के लिए विज्ञान में अधिक शोध की आवश्यकता है: बिश्वनाथ

*भारत को समाज कल्याण के लिए विज्ञान में अधिक शोध की आवश्यकता है: बिश्वनाथ* राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 "विज्ञान, प्रौद्योगिकी...

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*कृषि विभाग के बीज ग्राम योजना अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर कृषकों के खिले चेहरे* देवभोग:- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बीज ग्राम योजना अंतर्गत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर किसानों के चेहरों में मुस्कान देखने को मिला हैं। ज्ञात हो कि देवभोग विकासखंड अंतर्गत के सैकड़ों किसान इन दिनों ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन,तिलहन एवं मक्का फसल लगाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिसका नजारा देखने को मिला देवभोग कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण कार्यक्रम में जहां किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज लेकर रबी फसल का कार्य शुरू कर दिया हैं। क्षेत्र के किसानों को 60 हेक्टेयर के लिए बीज प्रदाय किया गया एवं चना 100 किसानों को अब तक वितरण किया जा चुका हैं। इसी कड़ी आज देवभोग कृषि विभाग द्वारा सैकड़ों किसानों को चना,मक्का,गेहूं, मसूर एवं अन्य बीज जिला पंचायत सभापति श्रीमती धनमति यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल,कृषि स्थाई समिति सभापति असलम मेमन द्वारा कृषकों को बीज वितरण किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे.एन.नाग,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बसंत कश्यप,संतोष नेताम,ईश्वर दिवान,एवं कृषक लूदर मांझी,शत्रुघन मांझी,उग्रसेन यदु,गिरीश नागेश,हेमसिंह मरकाम,त्रिनाथ मांझी समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे। *क्या है बीज ग्राम योजना*:-बीज ग्राम योजना के तहत 2 से 3 तीन गांव समूहों को मिलाकर एक किसान समूह तैयार किया जाता है। यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग-अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना,राष्ट्रीय बीज रिजर्व,निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है। *वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे. एन. नाग ने कहा शासन द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं का कृषि विभाग द्वारा कृषकों को नियमानुसार जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में बीज वितरण किया जा रहा हैं,आगामी रबी एवं ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।*