शिक्षा, कौशल और कार्यो में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रभाव पर राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया गया…

0
Spread the love

*शिक्षा, कौशल और कार्यो में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रभाव पर राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया गया।* दंतेवाड़ा:- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 के उपलक्ष में “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का भविष्य : शिक्षा, कौशल और कार्यो पर प्रभाव” के विषय पर विभिन्न कार्यक्रमों आयोजित किया गया। भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस खोज के लिए वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के द्वारा आयोजत कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, सचीव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महासचिव डॉ शेखर सी मंडे ने शिक्षा, कौशल व कार्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। इसी कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के आजीवन सदस्य तथा छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के शिक्षाविद् अमुजुरि बिश्वनाथ ने भी वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। विज्ञान के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों हेतु चयनित अभ्यर्थियों को अवार्ड दिया गया। इसी दौरान भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सहयोगी से भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी के द्वारा आयोजित वेबिनर में शिक्षा, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी केंद्रीय राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे मुख्य अतिथि के रूप में और सेंटर फॉर हाई एनर्जी फिजिक्स, आईआईएस बैंगलोर के प्रोफेसर रोहिणी गोडबोले ने काले पदार्थ पर प्रकाश डालना विषय पर व्याख्यान दिए। यह कार्यक्रम में इन्यास के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर शर्मा ने संचालित किए। राष्ट्रिय विज्ञान अकादमी व प्रांतीय विज्ञान केन्द्र भुवनेश्वर संस्कृतिक विभाग भारत सरकार के द्वारा भी विज्ञान दिवस पर कार्यशाला आयोजित किया गया। यह कर्योक्रमों में भी अमुजुरि बिश्वनाथ ने वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति दी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है, ताकि मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों और प्रयासों के रूप में दिखाया जाए। अमुजुरि बिश्वनाथ ने यह भी कहा कि भारत के भविष्य में बेहतर मानव जीवन और समाज कल्याण के लिए विश्व स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अधिक शोध और नवाचारों की आवश्यकता है। वर्तमान में यह आत्म निर्भर भारत की ओर जा रहा है, जो माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शुरू किया गया है। भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे शीर्ष देशों में भी शामिल है। भारत 135,788 शोध लेखों के प्रकाशन के लिए दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है। आधुनिक भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक मजबूत ध्यान केंद्रित किया है, यह महसूस करते हुए कि यह आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।दंतेवाड़ा:-
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 के उपलक्ष में “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का भविष्य : शिक्षा, कौशल और कार्यो पर प्रभाव” के विषय पर विभिन्न कार्यक्रमों आयोजित किया गया। भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस खोज के लिए वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के द्वारा आयोजत कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, सचीव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महासचिव डॉ शेखर सी मंडे ने शिक्षा, कौशल व कार्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। इसी कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के आजीवन सदस्य तथा छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के शिक्षाविद् अमुजुरि बिश्वनाथ ने भी वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। विज्ञान के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों हेतु चयनित अभ्यर्थियों को अवार्ड दिया गया। इसी दौरान भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सहयोगी से भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी के द्वारा आयोजित वेबिनर में शिक्षा, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी केंद्रीय राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे मुख्य अतिथि के रूप में और सेंटर फॉर हाई एनर्जी फिजिक्स, आईआईएस बैंगलोर के प्रोफेसर रोहिणी गोडबोले ने काले पदार्थ पर प्रकाश डालना विषय पर व्याख्यान दिए। यह कार्यक्रम में इन्यास के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर शर्मा ने संचालित किए। राष्ट्रिय विज्ञान अकादमी व प्रांतीय विज्ञान केन्द्र भुवनेश्वर संस्कृतिक विभाग भारत सरकार के द्वारा भी विज्ञान दिवस पर कार्यशाला आयोजित किया गया। यह कर्योक्रमों में भी अमुजुरि बिश्वनाथ ने वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति दी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है, ताकि मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों और प्रयासों के रूप में दिखाया जाए। अमुजुरि बिश्वनाथ ने यह भी कहा कि भारत के भविष्य में बेहतर मानव जीवन और समाज कल्याण के लिए विश्व स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अधिक शोध और नवाचारों की आवश्यकता है। वर्तमान में यह आत्म निर्भर भारत की ओर जा रहा है, जो माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शुरू किया गया है। भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे शीर्ष देशों में भी शामिल है। भारत 135,788 शोध लेखों के प्रकाशन के लिए दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है। आधुनिक भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक मजबूत ध्यान केंद्रित किया है, यह महसूस करते हुए कि यह आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed