छत्तीसगढ़

बेमेतरा के पिकरी तालाब में किया गया साफ- सफाई…

बेमेतरा पिकरी तालाब में किये साफ सफाई ---- बेमेतरा =महिला सामाजिक संस्था लायनेस क्लब बेमेतरा द्वारा नि:शुल्क चलाए जा रहे...

शिक्षाकर्मी 26 मई को मनाएंगे संविलियन संकल्प दिवस…

शिक्षाकर्मी 26 मई को मनाएंगे संविलियन संकल्प दिवस। सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में होगा सभा का आयोजन संविलियन के लिए...

शिक्षाकर्मी 26 मई को मनाएंगे संविलियन संकल्प दिवस…

शिक्षाकर्मी 26 मई को मनाएंगे संविलियन संकल्प दिवस। - सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में होगा सभा का आयोजन संविलियन के...

भाजपा सरकार का नारा ‘विकास आपका संकल्प हमारा’ डेढ़ दशक के सबसे बड़ा झूठ- कांग्रेस

  भाजपा सरकार का नारा ‘विकास आपका संकल्प हमारा’ डेढ़ दशक का सबसे बड़ा झूठ - कांग्रेस पिछले तीन चुनावो...

रिटकॉम के विद्यार्थियों ने दिया संदेश की “माँ “का रूप होती है नर्से …

  रिटकॉम के विद्यार्थियों ने संदेश दिया कि माँ का रूप होती हैं नर्सें। नर्से डे के उपलक्ष्य पर आरआईटी...

मुख्यमंत्री का विकास यात्रा 5 जून को देवरीबीज के किरकि में…

1=मुख्यमंत्री रमन सिंह के विकास यात्रा 5जून को देवरबीजा ,किरकी मे 2=आयोजित कायॆक्रम के लिऐ जगह का हुआ निरिक्षण* ------------...

बुजुर्ग महिला ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को खिलाई बेर और चिरौजी …

मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को बेर और चिरौंजी खिलाये दंतेवाडा- मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह आज दंतेवाड़ा से विकास यात्रा पर निकले,...

ग्राम घटोली एवं खैरी में मनरेगा कार्य का आकस्मिक निरीक्षण- श्री मति कविता साहू – जिला पंचायत अध्यक्ष…

*ग्राम घटोली एवं खैरी में की  मनरेगा कार्य की आकस्मिक निरीक्षणः- श्रीमती कविता साहू जि.प.अ.* *चल रहें कार्य के साथ  ग्रामीणों के सहयोग से गांव के निस्तारी हेतु डबरी  निर्माण* बेमेतरा 12 मई 2018 :- चल रहे मनरेगा कार्य के तहत् नवागढ़  जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत घटोली एवं ग्राम  खैरी में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू,  जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कांति देवादास चतुर्वेदी ने औचक निरीक्षण के साथ ग्रामीणों के बीच जाकर  मनरेगा कार्य सहित अन्य कार्य की जानकारी ली। ...

केशडबरी में राशन दुकान निरस्त अटैच में चल रही है दुकान…

देवरबीजा केशडबरी के राशन दुकान निरस्त अभी अटैच में कोदवा वाले को दिया गया ------------------------------------------------- 1=ग्रामीणों को राशन नही बांटा,...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।