छत्तीसगढ़

मंत्री केदार कश्यप पहुँचे गरंजी पीपल पेड़ के नीचे लगाई आम सभा…

*आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप पहुंचे गरांजी पीपल पेड़ के नीचे लगाई आम सभा देवस्थान कानाहुर्रा मंदिर के शेड...

मंदिर बचाओ आंदोलनम 29 मई को प्रस्तावित सभा स्थगित नही मिली अनुमति…

मंदिर बचाओ आंदोलनम की 29 मई को प्रस्तावित सभा स्थगित, नहीं मिली अनुमति । सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" (वाराणसी) ::-  विश्वनाथ...

पीड़ित परिवार ने मांगा शासन प्रशासन से ईच्छा मृत्यु कुरूद का मामला…

धमतरी---  धमतरी के कुरूद ईलाके के कोकडी में ग्राम विकास समिति की तुगलकी फरमान के चलते एक परिवार साल भर...

अध्यक्ष महेश साहू के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान चलाया गया…

*आज 28 मई को भारतीय जनता पार्टी शहर मंडल बेमेतरा के द्वारा अध्यक्ष महेश साहू जी के नेतृत्व में स्वच्छता...

मोदी सरकार का 4 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी बेमेतरा ने दी बधाई…

18 घंटे तक लगातार काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ======== पत्रकार वार्ता में विधायकों ने केंद्र की भाजपा सरकार...

मोदी सरकार की 4 साल पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी बेमेतरा ने दी बधाई…

18 घंटे तक लगातार काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ======== पत्रकार वार्ता में विधायकों ने केंद्र की भाजपा सरकार...

विभिन्न कार्यो के लिए डि.एम.एफ. से राशि स्वीकृत…

विभिन्न निर्माण कार्याें के लिए डी.एम.एफ. से राषि स्वीकृत बेमेतरा 27 मई 2018:- कलेक्टर बेमेतरा द्वारा डी.एम.एफ. निधि से विकास...

सेवानिर्वित्त शासकीय सेवको की पेंशन मंजूरी अब ऑनलाइन…

सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंषन मंजूरी अब आनलाईन आनलाईन पेंषन मैनेजमेंट सिस्टम आभार आपकी सेवाओं का लागू छत्तीसगढ़ बनेगा देष...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।