शिवशंकर सोनपिपरे

लाखों का मिडिल स्कूल भवन 14 वर्षों से अधूरा पायलीखंण्ड- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के पायलीखण्ड को कौन नही...

स्वास्थ्य सुविधा से ग्रामीण है वंचित उप स्वास्थ्य केंद्र में लगा है ताला – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद । गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनंचलो के ग्रामो में इन दिनो स्वास्थ्य...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बच्चा पैदा करने के लिए वनभैंसों को खिलाई जाती है सेक्स वर्धक दवाईयाँ, दवाईयों के नशे में वनभैंसे करते है गाँव की भैसियो पर हमले – शिवशंकर सोनपीपरे एवं तीव कुमार सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बच्चा पैदा करने के लिए वनभैंसों को खिलाई जाती है सेक्स वर्धक दवाईयाँ, दवाईयों के...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की धूम, पर टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की धूम, पर टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव कुमार...

बिग ब्रेकिंग. बालोद जिले से. दुर्घटना में हुई मौत से गुस्साए लोगों ने दुर्ग धमतरी मार्ग पर लाश रखकर किया प्रदर्शन. ….

बिग ब्रेकिंग. बालोद जिले से. दुर्घटना में हुई मौत से गुस्साए लोगों ने दुर्ग धमतरी मार्ग पर लाश रखकर किया...

माकपा ने की मांग : सारकेगुड़ा कांड के दोषियों पर चलाओ हत्या का मुकदमा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने वर्ष 2012 के जून में हुए सारकेगुड़ा जनसंहार में प्रत्यक्ष रूप से शामिल सैनिक बलों और...

पूजा अर्चना के पश्चात खरीदी शुरू मैनपुर में भी समर्थन मूल्य पर आज से धान खरीदी प्रारंभ – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर। छत्तीसगढ के अन्नादाताओं का इंतजार अब खत्म हो गया है आज एक दिसम्बर से मैनपुर विकासखण्ड के...

जिले भर में आज से धान खरीदी हुई प्रारंभ… बालोद कलेक्टर रानू साहू ने खरीदी केंद्रों का किया निरीक्षण… जुंगेरा समिति के प्रबंधक को नोटिस जारी करने के दिये निर्देश

बालोद-बालोद जिले धान खरीदी केन्द्रों में आज से धान खरीदी प्रारंभ कर दी गई…जिले के कुल 69 सेवा सहकारी समिति...

झल्लाए सिचाई विभाग के एसडीओ नें कहा कैसा काम करना है मुझे न सिखाओं- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर। तहसील मुख्यालय स्थित जनपद पंचायत के सभा कक्ष में मैनपुर जनपद के सामान्य सभा की बैठक में घूमरापदर जलाशय...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।