शिवशंकर सोनपिपरे

गरियाबंद जिले के नए कलेक्टर छत्तर सिंह देहरे और श्याम धावड़े बने बलरामपुर कलेक्टर – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ इतेश सोनी गरियाबंद । रायपुर राज्यभर में कलेक्टर और सीईओ के तबादले...

कुरुद CEO द्वारा नही लिया गया कोई संज्ञान…..

मामला पहुँचा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहले ही कहा था सहाब नही होगी कार्यवाही- ग्रामीण मजदूर छत्तीसगढ़/धमतरी- लॉकडाउन में इन दिनों ग्रामीण...

सबमर्सिबल पंप चोर गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ 2 आरोपी की तलाश जारी6 नग सबमर्सिबल पंप बरामदगरियाबंद। खेत और घरो...

कांग्रेसियों ने झीरम घाटी मे शहीद हुवे कांग्रेस के माटी पुत्रों एवं वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया

कृष्णा दीवान नगरी आज विधायक कार्यलय नगरी मे झीरम घाटी की सातवीं पुण्यतिथि की अवसर पर सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी...

वक्ता मंच की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सम्पन्न:- फड़फड़ा रही दुनिया कोरोना के उफान में,

फंस गई है तितली जैसे किसी तूफान में। रायपुर।प्रदेश की प्रतिष्ठित सामाजिक व साहित्यिक संस्था वक्ता मंच द्वारा आज 24...

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के लिए शिवसैनिकों ने चलाया अभियान

छत्तीसगढ़ में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर शिवसेना राज्य प्रमुख माननीय धनंजय सिंह परिहार जी के आह्वान पर प्रदेश...

युवा कांग्रेस के महासचिव नेयाल नेताम ने जरूरतमंदों को मास्क वितरण किया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ मैनपुर । मुख्यालय मैनपुर से महज 3 किलोमीटर की दूरी में बसे...

नई जगह पर शराब दुकान का विरोध करने महिला स्व सहायता समूह की महिलाओ ने खोली मोर्चा

ग्राम छाती में नए जगह पर शराब दुकान खोले जाने को लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है अब ग्राम...

वक्ता मंच ने सेवा कार्य का शानदार 50 वां दिन मनाया

रायपुर।सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा लॉक डाउन के दौरान गरीबो व जरूरतमन्दों हेतु जारी राहत कार्यो को आज 50 वे...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।