वक्ता मंच की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सम्पन्न:- फड़फड़ा रही दुनिया कोरोना के उफान में,
फंस गई है तितली जैसे किसी तूफान में।
रायपुर।प्रदेश की प्रतिष्ठित सामाजिक व साहित्यिक संस्था वक्ता मंच द्वारा आज 24 मई को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई।इसमे राजधानी के 6 कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से समां बांध दिया।वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने जानकारी दी है कि संस्था द्वारा आयोजित यह प्रथम ऑनलाइन काव्य गोष्ठी थी।इसका आरम्भ अंतर्राष्ट्रीय कवियत्री उर्मिला देवी ने माँ भारती की वंदना के साथ किया।इसके बाद उन्होंने यह रचना सुनाई:-
घर में नहीं अन्न का एक भी दाना
बाहर जाये पर, डराए कोरोना ।
चूल्हे में ईंधन और डालती रही ।
मजबूर मां पत्थर उबालती रही ।
काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि सुनील पांडे की कविताओं ने पूरी संवेदनाओ के साथ वर्तमान परिस्थितियों को बयान किया:-
भाईचारा अपना उच्च कोटि पर है
देशभक्ति अपनी कसौटी पर है।
डॉक्टर अस्पताल में ढाल बने हैं
पुलिसवाले सड़क पे मिसाल बने हैं।
जहां से चल कर आया वायरस वहां जश्न चल रहा है
यहां जिंदगी और मौत का प्रश्न चल रहा है
फड़फड़ा रही दुनिया कोरोना के उफान में
फस गई है तितली जैसे किसी तूफान में।
युवा कवि कमलेश वर्मा ने कोरोना का एक उज्ज्वल पक्ष सामने रखते हुए अपनी कविता प्रस्तुत की:-
लॉकडाउन से भले ही, प्रभावित हो रहा जनजीवन।
पर प्रकृति में दिख रहा, कई अनुपम परिवर्तन।।
नदियाँ हो गईं स्वच्छ, जलधारा मनभावन।
मन को मधुरिम भा रहा, पंछियों का गूँजन।।
वरिष्ठ कवि डॉ कमल वर्मा की इन पंक्तियों ने सबको प्रेरित किया:-
देशभक्ति”मेरा जुनून”
तांटक छंद की रचना,
कैसे उतारूँ ऋण तेरे मैं,दिली सलामी देता हूंँ,
बलिहारी हे भारत माँ मैं, तुझे जवानी देता हूंँ।
हरेक बूंँद अपने लहू का,अर्पण मैं कर जाऊंँगा,
इस मिट्टी से बना हुआ तन,तुझे वार यह जाऊंगा॥
डॉ सीमा श्रीवास्तव की इन पंक्तियों ने तालियां बटोरी
समाज को दिशायें दो
मन्त्र दो ऋचाएँ दो।।
संस्कृति अक्षुण्य रहे
ऐसे संस्कार दो ।
सत्य की छाँव रहे
न्याय की पतवार दो।।
जीवन को आशाएँ दो
मंन्त्र दो ऋचाएँ दो।।
अंत मे गोष्ठी का समापन करते हुए पूर्णेश डडसेना ने शिक्षकों के मन की व्यथा को कविता के माध्यम से रखा:-
शिक्षा की बगिया में,
उथल-पुथल है मची हुई
कोई नित नए नियम लाता है
कोई आदेशों की धौंस दिखाता है
हम शिक्षकों की व्यथा
क्यों कोई ना समझ पाता है ।
इस काव्य गोष्ठी का प्रभावी संचालन राजेश पराते द्वारा किया गया एवं इसका तकनीकी संयोजन शुभम साहू ने किया।आमंत्रित कवियों के प्रति आभार व्यक्त किये जाने के साथ यह आयोजन सम्पन्न हुआ।ऑनलाइन कवि सम्मेलन की लिंक से जुड़कर बहुत से साहित्य प्रेमियों ने कविताओ का आनंद लिया।
राजेश पराते