शिवशंकर सोनपिपरे

हर भक्त की मुराद होती है पूरी , कुछ गुमा हुआ समान मिल जाता वापस है यही हैं इस मंदिर की विशेषता ।

हर भक्त की मुराद होती है पूरी , कुछ गुमा हुआ समान मिल जाता वापस है यही हैं इस मंदिर...

गुंडरदेही के समाधान शिविर में अधिकारी मोबाईल व्हाटस्अप में मस्त…. ये कैसा सुराज,

गुण्डरदेही। इस वर्ष 2018 में अंत में चुनाव होने है और रमन सरकार इस बार चौथी पारी खेलने के लिए...

नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर एंटी लैंडमाइन व्हीकल उड़ाया, 8 जवान शहीद, 4 गंभीर

सुकमा:- छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ है। इस हमले में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद...

नारायणपुर जिले में केदार ने सुनी जनसमस्या

सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश में जन सम्पर्क यात्रा कार्यक्रम के चलते 11 मार्च 2018 को नारायणपुर जिले के विधायक एवं प्रदेश...

जन आशीर्वाद यात्रा में बृजमोहन का जनता ने किया जोरदार अभिनंदन,बहनों ने उतारी आरती,बुजुर्गों ने दिया आशीर्वाद।

रायपुर/11/03/2018/ प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं प्रदेश शासन के कृषि-सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज जन आशीर्वाद यात्रा के...

छगनलाल मूंधड़ा ने मोहला मानपुर में किया सघन जनसंपर्क

खबरीलाल रिपोर्ट :: 11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रो में महाजनसंपर्क अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत...

पूज्य शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का बिलासपुर में हुआ भव्य स्वागत

पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बिलासपुर आगमन पर उनका भव्य स्वागत किया गया तथा उनका पादुका पूजन मंगत...

सूखती नदी डूबता किसान ऐसा कई वर्षों से कहा जा रहा है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा।

सूखती नदी डूबता किसान ऐसा कई वर्षों से कहा जा रहा है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा।...

कैलाश ध्यान केंद्र में निःशुल्क ध्यान सत्र आयोजित।

रायपुर के कचहरी चौक के पास बाल आश्रम परिसर में स्थित कैलाश ध्यान केंद्र में पिरामिड स्पिरिचुअल साइंस मूवमेंट के...

राजराजेश्वरी मंदिर में जलेंगे मनोकामना ज्योति कलश

जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम में स्थित श्री राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी ललिता प्रेमाम्बा माता के मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 18...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।