शिवशंकर सोनपिपरे

100 क्विंटल आटे के मालपुए प्रतिदिन दंदरौआ धाम भंडारे में हो रहे तैयार

भिंड एक तरफ जेसीबी की मदद से सब्जी तैयार की जा रही है, दूसरी तरफ सीमेंट कंक्रीट मिक्सर से मालपुआ...

चक्रवाती तूफान देशभर में बरपाएगा कहर, चलेंगी तेज हवाएं, भारी बारिश की भी चेतावनी

नईदिल्ली अंडमान सागर एवं पास की बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र देखा गया है और आज...

आज से लागू होंगे ये 5 बड़े बदलाव, बैंक को भरना होगा जुर्माना… आम आदमी को फायदा!

नईदिल्ली आज से साल का आखिरी महीना यानी दिसंबर (December) शुरु होने जा रहा है. हर महीने की तरह दिसंबर...

डब्ल्यूएचओ का खुलासा : विश्वभर की एक तिहाई महिलाएं जीवन में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करती हैं

नई दिल्ली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि दुनियाभर में तीन महिलाओं में से लगभग एक ने अपने जीवनकाल...

दिल्ली-मुंबई के 60% रहवासी वायु प्रदूषण के कारण 60% छोड़ना चाहते हैं अपना शहर

 दिल्ली / मुंबई . दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में भीड़ बढ़ने के साथ ही पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है।...

दिल्ली में प्रतिबंध के दौरान चलने वाले वाहनों पर लगाया गया पांच करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार पर प्रतिबंध के दौरान इन श्रेणी के वाहन चलाने पर...

श्रृंखला जीतने पर टीम इंडिया की नजरें, युवा गेंदबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

रायपुर. भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में उतरेगी तो ग्लेन मैक्सवेल की...

01 दिसंबर शुक्रवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

मेष राशि- आत्मसंयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, परन्तु...

इंदौर के बाद ग्वालियर से मिल सकेंगी इंटरनेशनल फ्लाइट

ग्वालियर देश के दिल मध्य प्रदेश में इंदौर के बाद ग्वालियर दूसरा ऐसा शहर होगा, जहां से इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ान...

अफ्रीकी दौरे के लिए आज टीम इंड‍िया का ऐलान! क्या रोह‍ित बनेंगे टी20 कप्तान?

नईदिल्ली वर्ल्ड कप 2023 के बाद टीम इंडिया का शेड्यूल जैम पैक है। भारत इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।