वन विभाग और बैंक की मिलीभगत से लाखो का गोलमाल, मजदूरो के फर्जी आहरण पत्रक से बैंक वन विभाग को कर देता है एकमुश्त भुगतान – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

0
Spread the love

वन विभाग और बैंक की मिलीभगत से लाखो का गोलमाल, मजदूरो के फर्जी आहरण पत्रक से बैंक वन विभाग को कर देता है एकमुश्त भुगतान – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

गरियाबंद | गरियाबंद जिले में वन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किया जाता है | वन विभाग के द्वारा फर्जी वाउचर और मजदूरो की फर्जी हाजिरी डाल कर लाखो का गोलमाल किया जाता है |  वन विभाग के द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किये जाने की शिकायत शासन को लम्बे समय से किया जाता रहा है जिस पर वन विभाग के भ्रष्ट्राचार पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने नियम बनाया था की मजदूरो को नगद भुगतान ना कर सीधे मजदूरो के खाते में मजदूरी राशि भुगतान जमा किया जाए | इस प्रकार खाते में भुगतान किये जाने के शासन के निर्णय से वन विभाग सकते में आ गया था की अब क्या किया जाए | काफी सोच विचार के बाद वन विभाग ने खाता में भुगतान किये जाने का भी तोड़ निकाल लिया है अब वन विभाग द्वारा बैंक से मिलीभगत कर मजदूरो के नाम से फर्जी आहरण पत्रक बना कर बैंक में जमा किया जाता है और कुछ परसेंट बैंक वालो को दे कर मजदूरी की राशि एकमुश्त प्राप्त कर लिया जाता है |  

वन विभाग के कार्यो की राशि पूर्व में वन परिक्षेत्र अधिकारी के खाते में जमा होता था

इससे पूर्व वन विभाग में किये जाने वाले वानिकी व गैर वानिकी कार्य की राशि एकमुश्त वन परिक्षेत्र अधिकारी के खाते में जमा कर दिया जाता था | उक्त राशि को वन परिक्षेत्र अधिकारी अपनी मर्जी से जब चाहे तब निकाल कर उपयोग कर लेता था | किसी को भी पता नहीं चल पाता था की वन परिक्षेत्र अधिकारी किसे राशि दे रहा है किसे नहीं दे रहा है | वन परिक्षेत्र अधिकारी की अपनी मर्जी के अनुसार राशि भुगतान करता था | कई मजदूरो को राशि नहीं दी जाती थी , कई मजदूरो को आधी अधूरी मजदूरी राशि का ही भुगतान किया जाता था | इस प्रकार के भ्रस्ट्राचार की शिकायत समय समय पर मजदुर शासन प्रशासन को करते रहे है |

गड़बड़ी रोकने मजदूरो के खाते में राशि जमा करने शासन द्वारा निर्देश दिया गया

मजदूरो की मजदूरी राशि में लगातार की जा रही गड़बड़ी की शिकायत लगातार मिलने पर शासन ने वन विभाग को निर्देश दिया की कार्य करने वाले मजदूरो की मजदूरी राशि नगद ना दे कर सीधे मजदूरो के खाते में जमा किया जाए | उसके बाद वन विभाग के वानिकी व गैर वानिकी कार्य की मजदूरी राशि सीधे मजदूरो के खाते में जमा किया जाने लगा था | मजदूरो के खाते में राशि जमा किये जाने से वन विभाग के अधिकारी परेशान हो गए थे क्योकि मजदूरो के खाते में राशि जमा कर दिए जाने से वन विभाग के अधिकारियों को पैसा नहीं मिल पा रहा था | जिस पर वन विभाग के अधिकारि मजदूरो के खाता में भुगतान किये जाने का तोड़ खोजने में लगातार लगे रहे |

मजदूरो के फर्जी आहरण पत्रक से बैंक वन विभाग को कर देता है एकमुश्त भुगतान

वन विभाग ने मजदूरो के खाते में किये जाने वाले भुगतान का तोड़ भी खोज लिया है | वन विभाग के अधिकारियों ने अपने विश्वासपात्र लोगो का बैंक में खाता खुलवा लिया है | मजदूरी पत्रक में काम करने वाले मजदूरो के साथ ही अपने विश्वासपात्र लोगो का बैंक खाते का नंबर डाल कर वाउचर जमा किया जाता है | जब उनके खाते में राशि जमा हो जाता है तब मजदूरो को पता भी नहीं चल पाता है और वन विभाग वाले मजदूरो के नाम से फर्जी आहरण पत्र बैंक में जमा कर मजदूरो का पैसा निकाल लेते है | जबकि बैंक के नियमानुसार खाताधारक बैंक में उपस्थित हो कर आहरण पत्र जमा करता है तब खाताधारक को बैंक राशि भुगतान करता है परन्तु वन विभाग के द्वारा बैंक को कुछ परसेंट कमीशन दे दिया जाता है और कमीशन ले कर बैंक वाले मजदूरो की राशि का एकमुश्त भुगतान वन विभाग को कर देते है | इस प्रकार गरियाबंद जिले के वन विभाग और बैंक की मिलीभगत से लाखो का गोलमाल किया जा रहा है |   

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed