मुख्य सुचना आयुक्त एम.के. राउत और सचिव भोजनाथ भाठी के विरुद्ध जांच हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देश, R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाये जाने का है मामला |

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मुख्य सुचना आयुक्त एम.के. राउत और सचिव भोजनाथ भाठी के विरुद्ध जांच हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देश, R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाने का है मामला |    

रायपुर | छ.ग. राज्य सुचना आयोग का गठन R.T.I. आवेदकों को न्याय प्रदान करने व आवेदकों को जानकारी दिलाने के लिए किया गया था परन्तु छ ग राज्य सुचना आयोग के अधिकारी सुचना आयोग को पैसा कमाने का केंद्र बना लिए है | सुचना आयोग में वहा के अधिकारियों के द्वारा जानकारी नहीं दिए जाने के लिए जन सुचना अधिकारियों से पैसो का मोल भाव किया जाता है | सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा जन सुचना अधिकारियों से पैसा लेकर R.T.I. आवेदकों को आवेदन वापस लेने के लिए दबाव डाला जाता है | यदि R.T.I. आवेदक आवेदन वापस लेने के लिए तैयार नहीं होता है तो R.T.I. आवेदकों के विरुद्ध झूठा शिकायत पत्र लिखवा कर सुचना आयोग में झूठा शिकायत करवाया जाता है | सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा कई R.T.I. आवेदकों को झूठे मामले में फंसाया गया है |  

गरियाबंद जिले में ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसमे सुचना आयोग के अधिकारियों ने पंचायत सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये रिश्वत ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया है, जिसके बाद गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी ने साजिश रच कर मुकेश सोनी पर झूठा अपराध दर्ज करवाया है | सुचना आयोग में झूठा शिकायत किये जाने के उपरांत मुख्य सुचना आयुक्त एम. के. राउत ने गरियाबंद कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर मुकेश सोनी पर कार्यवाही करने कहा जिस पर पुलिस थाना अमलीपदर में जांच कार्यवाही की गयी, अमलीपदर थाने में धारा 385 का अपराध कायम कर देवभोग न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है | इस प्रकार सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा रचे गए साजिश के अनुसार सचिव के द्वारा झूठी कहानी बना कर, झूठे गवाह बना कर मुकेश सोनी को साजिश रच कर झूठे मामले में फंसाया गया है | जिस पर साजिश करने वाले सचिव, झूठे गवाह और सुचना आयोग के अधिकारियों पर कार्यवाही करने के लिए पीडीत के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय और शासन प्रशासन में शिकायत किया गया था | शिकायत किये जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र लेख कर सचिव, झूठे गवाह और सुचना आयोग के अधिकारियों पर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है |

सुचना आयोग में R.T.I. आवेदकों के विरुद्ध झूठा शिकायत किये जाने पर वर्ष 2014 में शासन प्रशासन को किया गया था शिकायत  

सुचना आयोग में R.T.I. आवेदकों के विरुद्ध झूठा शिकायत कर झूठे मामले में फंसाए जाने पर वर्ष 2014 में शासन प्रशासन को शिकायत किया गया की सुचना आयोग में R.T.I. आवेदकों के विरुद्ध झूठा शिकायत कर झूठे मामलो में फंसाने का प्रयास किया जाता है | इस प्रकार शिकायत किये जाने पर शासन ने गरियाबंद कलेक्टर को पत्र लेख कर कार्यवाही करने निर्देशित किया | तदुपरांत कलेक्टर महोदय गरियाबंद के द्वारा सभी विभागों का बैठक लेकर सभी को निर्देश दिया गया की R.T.I.  आवेदकों को प्रताडीत ना किया जाए |

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल व नवापारा के सचिव भोजनाथ भाठी ने किया है लाखो का गबन

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी ने शौचालय निर्माण कार्य में 10,00,000 ( दस लाख रुपया ) कमाया है | सचिव भोजनाथ भाठी ने बिना पंचायत प्रस्ताव के 14 वे वित्त की लाखो रुपये का फर्जी आहरण किया है | सचिव भोजनाथ भाठी के द्वारा बेक डेट में लाखो का चेक काट कर ग्राम पंचायत की शासकीय राशि का गबन किया गया है | सचिव भोजनाथ भाठी के द्वारा लगभग 40 लाख रुपया का गोलमाल किया गया है | सचिव भोजनाथ भाठी के द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी बिलों का प्रयोग किया गया है | सचिव भोजनाथ भाठी के इस प्रकार के भ्रष्ट्राचार में उनके पंचायत सहयोगी और जनपद पंचायत मैनपुर के अधिकारियों की भी मिलीभगत है |

ग्राम पंचायत की जानकारी के लिए मुकेश सोनी ने लगाया था R.T.I. आवेदन

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल से जानकारी प्राप्त करने के लिए मुकेश सोनी ने दिनांक 01.08.17 को आवेदन प्रस्तुत किया था | जानकारी प्राप्त नहीं होने पर दिनांक 05.09.17 को प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया गया था | प्रथम अपील में भी जानकारी प्राप्त नही होने पर दिनांक 26.02.18 को सुचना आयोग में  द्वितीय अपील आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसका प्रकरण क्रमांक A/803/2018/गरियाबंद है |

प्रकरण की पहली पेशी दिनांक 16.08.18 को ही मुकेश सोनी को फंसाने बना लिया गया था योजना

सुचना आयोग में अपील प्रकरण की पहली पेशी दिनांक 16.08.18 को थी | उस दिन ही सुचना आयोग में मुकेश सोनी को फँसाने के लिए पूरी योजना बना लिया गया था | मुख्य सुचना आयुक्त एम.के. राउत के निर्देश पर सुचना आयोग के अधिकारियों ने मुकेश सोनी से पूछा की आवेदन क्यों लगाये हो तब मुकेश सोनी ने उनको बताया की सचिव के द्वारा लाखो का भ्रष्ट्राचार किया गया है |

       तब मुकेश सोनी के सामने ही सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव से कहा की तुम लाखो का भ्रष्ट्राचार किये हो एक लाख हमें दो फिर आयोग से मामला रफा दफा करवा देंगे | इस प्रकार के वार्तालाप को सुन कर मुकेश सोनी ने आपत्ति दर्ज कराया तो उन्होंने अनसुना कर दिया |

       तदुपरांत सुचना आयोग के अधिकारियों और सचिव के बिच 50,000 (पचास हजार रुपये) मे सुचना आयोग से मामला रफा दफा करवाने की सहमति हुई | और सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव से मुकेश सोनी के द्वारा पैसा माँगने का झूठा शिकायत पत्र लिखवाया |  

सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की शिकायत पत्र में घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है

सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की शिकायत पत्र में घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है | सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की मुकेश सोनी ने सुचना आयोग में द्वितीय अपील फ़रवरी 2018 में प्रस्तुत किया है इसलिए शिकायत पत्र में पैसा मांगे जाने का घटना का दिनांक फ़रवरी 2018 से एक माह पहले का लिखना होगा इसलिए घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है | इस प्रकार सुचना आयोग में सचिव से पेशी दिनाक 16.08.18को मुकेश सोनी के विरुद्ध झूठा शिकायत पत्र लिखवाया गया | मुकेश सोनी ने पूरी बातचीत को सुना और यह समझा की ये सारा नाटक उसे डराने के लिये किया जा रहा है |

पहली पेशी दिनांक 16.08.18 को सचिव का शिकायत पत्र नहीं लिया गया क्योकि सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को पैसा नहीं दिया था

सुचना आयोग के अधिकारियों और सचिव के बिच 50,000 (पचास हजार रुपये) मे सुचना आयोग से मामला रफा दफा करवाने की सहमति हुई परन्तु पेशी दिनांक 16.08.18 को सचिव का शिकायत पत्र नहीं लिया गया क्योकि उस दिनांक को सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को पैसा नहीं दिया था |

तीसरी पेशी दिनांक 28.03.19 को सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को पैसा दिया तब सचिव का झूठा शिकायत पत्र लिया गया

पहली पेशी के बाद 7 महीने तक सचिव अधिकारियों को देने के लिए पंचायत से पैसा समेटता रहा फिर सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को 7 महिने के बाद तीसरी पेशी में दिनाक 28.03.19 को 50,000 रुपये दिया तब दिनाक 28.03.19 को सचिव का झूठा शिकायत पत्र सुचना आयोग के अधिकारियों ने लिया और मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसा दिया गया |

वर्ष 2014 के शिकायत पत्र में जो बाते लिखी हुई है बिलकुल वही तरिका सुचना आयोग में अपनाया गया है

वर्ष 2014 में शासन प्रशासन को शिकायत किया है की सुचना आयोग में आवेदकों को प्रताडीत कर आवेदन वापस लेने के लिए दबाव डाला जाता है यदि आवेदक आवेदन वापस नहीं लेता है तो वही सुचना आयोग में ही जन सुचना अधिकारियों से झूठा शिकायत पत्र लिखवाया जाता है | वर्ष 2014 के शिकायत पत्र में जो बाते लिखी हुई है बिलकुल वही तरिका सुचना आयोग में अपनाया गया है जिसमे सुचना आयोग में मुकेश सोनी को आवेदन वापस लेने दबाव डाला गया , मुकेश सोनी आवेदन वापस लेने राजी नहीं हुआ तो तात्कालिक रूप में मुडगेलमाल के सचिव के द्वारा वही सुचना आयोग में ही हाथ से आवेदन लिखवाया गया है | तात्कालिक रूप से हाथ से लिखे आवेदन का यह अर्थ है की मुकेश सोनी के खिलाफ शिकायत करने की कोई भी योजना नहीं थी सुचना आयोग में आईडिया दिया गया तब सुचना आयोग में ही शिकायत पत्र लिखा गया है |

सचिव के द्वारा फर्जी घटना स्थल, फर्जी गवाह, फर्जी तारीख की कुट रचना की गयी है

पुलिस थाना अमलीपदर में सचिव भोजनाथ भाठी की शिकायत पर मुकेश सोनी के विरुद्ध धारा 385 अंतर्गत दर्ज किये गए एफ.ई.आर. में लेख है की –

(क) – सचिव भोजनाथ भाठी के कथन अनुसार दिनांक 31.01.18 को मुकेश सोनी 11 बजे ग्राम पंचायत नवापारा में आया और सचिव को धमकी दे कर पैसो की मांग किया जबकि वास्तविकता यह है की मुकेश सोनी उक्त तिथि व समय में मैनपुर में काम कर रहा था | सचिव का आरोप व गवाह का बयान झूठा है क्योकि दिनांक 31.01.18 को मुकेश सोनी अपने सहयोगियों के साथ मैनपुर के खेत में काम किया है | उक्त तिथि की मुकेश सोनी की हाजिरी खेत मालिक ने अपने मजदूरी पत्र में दर्ज किया है और उक्त तिथि की मजदूरी भुगतान भी मुकेश सोनी को किया गया है | खेत मालिक ने अपने लिखित बयान में कहा है की मुकेश सोनी अपने सहयोगियों के साथ दिनांक 20.12.17 से दिनांक 19.02.18 तक सीमेंट पोल निर्माण व तार घेरा का काम उनके खेत मैनपुर में किये है | मुकेश सोनी के साथ काम करने वाले सहयोगियों ने भी अपने लिखित बयान में कहा है की वो और मुकेश सोनी दिनांक 20.12.17 से दिनांक 19.02.18 तक सीमेंट पोल, तार घेरा का काम खेत मालिक के खेत मैनपुर में किये है |

(ख) – गवाह के कथन अनुसार 11 बजे ग्राम पंचायत की बैठक समाप्त हो गयी थी सभी अपने घर जा चुके थे गवाह चपरासी माधव फाईलो को समेट रहा था जबकि वास्तविकता यह है की ग्राम पंचायतो की कोई भी बैठक 11 बजे समाप्त नहीं होती है | 11 बजे तक तो पंचायत खुलता भी नहीं है | पंचायत की बैठक 12 – 1 बजे ही शुरू हो पाती है | अत: गवाह का भी बयान झूठा है | संभवत: उक्त तिथि में कोई बैठक थी ही नहीं | गवाह की उपस्थिति दर्शाने बैठक की कहानी गढ़ी गयी है |

        इस प्रकार सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा रचे गए साजिश के अनुसार सचिव के द्वारा झूठी कहानी बना कर, झूठे गवाह बना कर मुकेश सोनी को साजिश रच कर झूठे मामले में फंसाया गया है | जिस पर साजिश करने वाले सचिव, झूठे गवाह और सुचना आयोग के अधिकारियों पर कार्यवाही करने के लिए पीडीत के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय और शासन प्रशासन में शिकायत किया गया था |  

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