घंटा घड़ियाल प्रतिदिन बजाकर जगायेंगे जन- जन को- रविशंकर द्विवेदी…

0
Spread the love

प्रेस विज्ञप्ति

घंटा घड़ियाल प्रतिदिन बजाकर जगाएंगे जन-जन को – रविशंकर द्विवेदी ।

सुदीप्तो चटर्जी “खबरीलाल”::- काशी के तीर्थ पुरोहितों ने “मंदिर बचाओ आन्दोलनम्” को समर्थन प्रदान करते हुए काशी वासियों से प्रतिदिन सायंकाल अपने छत पर 8:00 से 8:15 तक घंटा, घड़ियाल और शंख बजाने और “हर हर महादेव” का नारा लगाने का आह्वान किया है । “मंदिर बचाओ आंदोलनम्” के समर्थन के लिए आयोजित आज की इस बैठक में मणिकर्णिका घाट के तीर्थ पुरोहित श्री रविशंकर जी ने कहा कि मंदिरों को तोड़ना और मूर्तियों को अपमानित करना, पूजा को रोक देना आदि कार्य की निंदा की जानी चाहिए । औरंगजेब के समय में भी जजिया कर ले कर हिंदुओं को अपने धर्म के पालन की अनुमति दी जाती थी दुःख की बात है कि आज हिंदू-हिंदू कहने वाली और अपने आपको हिंदुओं की रक्षा करने वाली पार्टी सिद्ध करने की कोशिश करने वाली पार्टी का शासन है । काशी जैसी पवित्र नगरी में मंदिरों को तोड़ा जा रहा है हमारा हृदय अत्यंत आहत है इसलिए और कुछ ना करके हम अपने घर की छत पर प्रतिदिन रात को 8:00 से 8:15 तक घंटा, घड़ियाल बजाकर और “हर हर महादेव” का नारा लगाकर जनता को जगायेंगे और इस तरह से अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे । हमने शांति का परिचय दिया है , शांति से हमारी बातों की सुनवाई सरकार नहीं कर रही है । कार्यक्रम में समिति के श्री प्रेम शंकर दुबे, नारायण माहेश्वरी, रवि कुमार, कैलाश नाथ, अंकित द्विवेदी, त्रिलोचन शास्त्री, महालक्ष्मी शुक्ल, पद्माकर पांडे, भावना जी, रवि शंकर गिरी, विजय कपूरिया, राजकुमार, मोहन मिश्रा, अंजू चौबे, आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम का संचालन पप्पू यादव ने किया ।

कार्यक्रम में उपस्थित स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन राजनीतिक आंदोलन नहीं है । आस्था से जुड़ा हुआ और गरिमा से बना हुआ काशी की जनता का आंदोलन है। हम बड़ी शांति और दृढ़ता से अपनी बात को कह रहे हैं । 16 तारीख को जो हमारी काशी यात्रा आरंभ हो रही है उस में भाग लेने के लिए बहुत सारे लोगों ने संपर्क किया था लेकिन बड़ी भीड़ लेकर के चलने पर नगर का यातायात प्रभावित होता है, आम जनता को असुविधा होती है और असामाजिक तत्वों द्वारा गड़बड़ी करने की आशंका बनी रहती है । इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि इस काशी यात्रा में कम से कम लोग सम्मिलित रहें, लोग घरों के सामने ही खड़े होकर यात्रा में शामिल लोगों के साथ कनेक्ट करे। काशी की रक्षा के लिए कटिबद्ध स्वामी जी ने यह भी कहा कि आज हमको मणिकर्णिका आकर बड़ी प्रसन्नता हुई है। यह काशी का सबसे बड़ा तीर्थ है । घाट पर रहने वाले लोगों की जो समस्याएं हैं, उसे सही और एक सुंदर वातावरण बनाने का प्रयास किया जाएगा

सुदीप्तो चटर्जी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed