18 माह पहले ही चेताया था फैल सकता है डेंगू
रायगढ़ । शहर के डेली सब्जी मार्वट संजय काम्पलेक्स से निकले डेंगू के दंश ने धीरे-धीरे पूरे शहर को अपनी चपेटमें ले लिया है। नगर निम के लगातार साफ-सफाई व दवा छिडकाव के दांवों के बीच अब भी लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में एक बार फिर इस दैनिक सब्जी मंडी को डेंजर जोन घोषित कर यहां की व्यवस्था पूरी तरह सुधारने की जनअपेक्षा बढ़ती जा रही है। आश्चर्य तो यह है कि करीब डेढ साल पहले हुई जांच में यहां डेंगू या माहमारी फैलने की संभावना जताई जा चुकी थी इसके बावजूद नगर निगम की कोई व्यवस्था इससे बचाव की कोई व्यवस्था नही की गयी, परिणाम स्वरूप इस गंदगी के साम्राज्य से निकले डेंगू के कहर से पूरे शहर को ही डेंजर जोन में परिवर्तित कर दिया है।
रायगढ़ शहर में पिछले कुछ दिनों से जानलेवा डेंगू , स्वाईन फ्लू वायरल फीवर जैसे बीमारियों का कहर सिर चढ़ कर बोल रहा है। करीब माह भर पहले संजय काम्पलेक्स स्थित दैनिक सब्जी मंडी से निकले डेंगू बुखार ने पैर पसारते हुए पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है और हर कोई दहशत के साये में विगत डेढ माह से ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है और इसकी संख्या सैकड़ा पार कर चुकी है। हालांकि अब भी सरकारी आंकड़ो के मुताबिक ऐसे मरीजों की संख्या दर्जनों में है मगर इतना जरूर तय हो गया है कि इस बीमारी का फैलाव शहर के संजय काम्पलेक्स क्षेत्र से ही शुरू हुआ है, जो कहीं न कहीं इस सब्जी मार्वट की दुर्दशा की ओर ही ईशारा करती है।
इस बीच डेंगू के पैर पसारने और बढऩे के बीच शहर के कुछ संगठनों तथा जागरूक नागरिकों द्वारा आवाज उठाने के बाद नगर निगम यहां पर साफ-सफाई, कचरे का उठाव तथा दवा छिडक़ाव शुरू किया है मगर कई मायनों में इसे नाकाफी ही माना जा सकता है। कारण है कि यहां पर अबतक उपरी स्वर पर ही साफ-सफाई हो रही है जबकि यहां जमीनी स्तर पर बड़ा काम करने की जरूरत है।
इन परिस्थितियों के बीच सबसे अहम सवाल यह उठता है कि जिस स्थल से पूरे शहर को साग सब्जी, फल, दैनिक खाद्य सामग्री की आपूर्ति हो रही है उसी संवेदनशील स्थल से आखिर डेंगू जैसे बीमारी ने आंख कैसे खोली। दरअसल यह पूरा मामला जिला प्रशासन व नगर निगम की उदासीनता, लापरवाही तथा निगम के चंद स्वार्थी जनप्रतिनिधियों व इस सब्जीमंडी के कई पुटकर सब्जी विके्रताओं की हठधर्मिता का परिणाम है।
शहरवासियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस डेंगू की गूंज आज पूरे शहर में सुनाई दे रही है उसकी संभावना करीब डेढ साल पहले ही यहां का निरीक्षण करने वाली जांच टीम के डाक्टरों ने कर दी थी और इसी आधार पर ही जिला प्रशासन के द्वारा इस स्थल को डेंजर जोन घोषित कर यहां की व्यवस्था को सुधारने की कवायद शुरूकी गयी थी मगर बीच में ही अदालत के हस्तक्षेप का हवाला देकर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
कैसे शुरू हुई जांच
नगर निगम से प्राप्त दस्तावेजी आंकड़ो के मुताबिक करीब डेढ साल पहले जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी सीएचएमओ डॉ हबेल उरांव ने तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर गत 05 अपै्रल 16 को जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी तथा जिला मलेरिया अधिकारी की दो सदस्यीय टीम बनाकर संजय काम्पलेक्स सब्जीमंडी का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया था। बताया जाता है कि इससे करीब पखवाडे भर पहले किसी ने तत्कालीन जिलाधीश को यहां महामारी फैलने की आशंका व्यक्त करते हुए बकायदा फोटो के साथ शिकायत की थी। उस समय जांच टीम के सदस्य तत्कालीन जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ टी.के. टोन्डर तथा जिला मलेरिया अधिकारी डॉ टी.जे. कुलवेदी ने इस क्षेत्र के निरीक्षण के बाद जो जांच रिपोर्ट सीएचएमओ को प्रस्तुत की उसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया कि इस डेली सब्जी मार्वट में सड़े-गले फल सब्जी इत्यादि को फेंकने या रखने के लिए कोई निर्धारित स्थल नही है इन अपशिष्ट पदार्थाे को खुले में यहां वहां फेंक दिया जाता है जिससे कई स्थानों पर फल सब्जी सड़ते-गलते रहते है जबकि इसी वजह से विभिन्न प्रकार के किटाणु एवं की पनपते रहते है। जिससे खाद्य विषाक्तता एवं जल जनित तथा कीट जनित संक्रमण जैसे डेंगू आंत्रशोध, मलेरिया होनें की काफी अधिक संभावना है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन समस्याओं को देखते हुए आमजनता के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उक्त मार्वट को व्यवस्थित किया जाना अपेक्षित है। यह रिपोर्ट कुछ दिनों में सीएचएमओ ने निगम तथा एसडीएम को मूलत:प्रेषित किया जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर नगर निगम प्रशाासन ने इस संवेदनशील क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित कर कुछ मापदण्ड तय किए मगर दुर्भाग्य से इसी बीच यही पर पसरा निर्माण को लेकर चल रहे सब्जी विके्रताओं व निगम के विवाद के मद्देनजर कुछ स्थानीय पुटकर सब्जी विके्रताओं को हाईकोर्ट मेंपूर्व में दाखिल रिट याचिका पर माननीय न्यायालय से आगामी आदेश व सुनवाई तक स्थगन मिल गया और इस प्रकरण पर अब तक कोई निर्णय नही हो पाया है जिसके चलते पसरा निर्माण के साथ-साथ सारी कवायद ठंडे बस्ते में डाल दी गयी और कई दिनों तक यहां की नियमित साफ-सफाई तक नही की गयी जबकि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन तथा निगम को जांच रिपोर्ट के हवाले से जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दोबारा आवेदन करना था जिस पर कोई ध्यान नही दिया गया और इस डेली सब्जी मार्वट के साथ-साथ पूरे शहर को संक्रमण की आग में झोंक दिया गया।
कहा है मूल समस्या
दरअसल संजय काम्पलेक्स की मूल समस्या पानी निकासी की समुचित व्यवस्था न हो पाना है जो महिला महाविद्यालय के पीछे से शुरू होकर रायल बुट संजय काम्पलेक्स में आती है। यह काफी बड़ा और लंबा नाला है जो नाली जाम रहने के कारण पहले महिला महाविद्यालय परिसर में पानी भरने के रूप में सामने आता है। इस कालेज में ऐसे कई बार पानी भर चुका है मगर इस साल वर्तमान विधायक के नेतृत्व में नगर भाजपा की टीम द्वारा संजय काम्पलेक्स , महिला कालेज सहित कई स्थानों पर लगातार सफाई अभियान के कारण महिला कालेज में तो पानी नही भरा मगर इसी बरसाती पानी का निकास संजय काम्लपेक्स के पास आकर संकरी नाली में रूक जाने के कारण यहां की स्थिति भयावह होती चली गयी और यहां का संक्रमण पूरे शहर में फैल गया।
इस तरह हो सकता है निदान
शहर के ह्दय स्थल पर स्थित संजय काम्पलेक्स और संडे मार्वट में जरूरत के अनुसार शेड चबुतरे और नाली निर्माण के साथ-साथ युरिनल और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए इसी प्रकार वर्तमान में अति संवेदनशील हो चुके डेली सब्जी मार्वट में भी चबुतरों को ऊंचा करने के साथ-साथ वर्तमान में मौजूद नालियों के कवर को निकलवाकर इसको चौड़ा करने के साथ-साथ नाली की मरम्मत तथा पानी निकासी की व्यवस्था के साथ-साथ निगम को कचरा डंप स्थल विकसित करने के साथ-साथ नियमित रूप से कचरे का उठाव दवा का छिडकाव तथा साफ-सफाई सुनिश्चित करने की जरूरत है।
यह हो सकता है उपाय
नगर निगम प्रशासन को वर्तमान में लंबित प्रकरण को देखते हुए जनहित की दृष्टि से अति आवश्यक सेवाएं जिसमें आमजन की मूलभूत की समस्याएं एवं सर्वाेपरि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण पर माननीय न्यायालय से निवेदन करना चाहिए कि स्थगन यथावत रखते हुए भी स्वास्थ्यगत कारणों से क्षेत्र में हो रही गंभीर बीमारियों के मद्देनजर साफ-सफाई एवं उचित रखरखाव के लिए कोई दिशा निर्देश निगम को मिल सके।
पहले भी न्यायालय ने लिया है जनहित में निर्णय
इसी जगह के लिए वर्ष 2005 के पहले काम्पलेक्स में सब्जी मार्वट लगता था परंतु उपभोक्ताओं के लिए आवागमन का कोई मार्ग नही था यत्र तत्र सर्वत्र गंदगी का साम्राज्य था और इसी प्रकार माननीय उच्च न्यायालय का एक स्थगन भी जो उस क्षेत्र में निर्माण की अनुमति नही दे रहा था परंतु तत्कालीन संवेदनशील निगम प्रशासन तथा पूर्व विधायक ने एक आवश्यक बैठक कर माननीय उच्च न्यायालय से जनहित में मूलभूत सुविधाएं देने का एक आवेदन प्रस्तुत किया और उस पर न्यायालय ने संज्ञान लेकर सडक़ आदि निर्माण की अनुमती दे अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया।