छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद में 52 प्रतिशत की कमी, मुक्त हुए 589 गांव
रायपुर.
छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद में पिछले पांच सालों में 52 प्रतिशत की कमी आई है। यह जानकारी छत्तीसगढ़ सरकार ने दी है। इस दौरान पिछले पांच सालों में 589 गांवों को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सात जिलों में से एक, बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के दौरे से एक दिन पहले आया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' (नया छत्तीसगढ़ बनाने) के विचार के साथ काम कर रही है और विश्वास, सुरक्षा और विकास की त्रिस्तरीय रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। इसमें कहा गया है कि राज्य की बुनियादी पुलिसिंग जनता का विश्वास जीतने में सफल रही है। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के परिणामस्वरूप अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगा है।
बघेल सरकार की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि 2018 से 2022 तक नक्सली हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अनुसार, नक्सली हिंसा के कारण डेढ़ दशक से बंद पड़े 314 स्कूल सीएम की पहल से दोबारा खोले गए
हैं। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, इस अवधि के दौरान 589 गांवों और 5.74 लाख से अधिक लोगों को नक्सली हिंसा के चंगुल से मुक्त कराया गया है।
महिलाओं पर अपराध में भी आई कमी
बघेल सरकार की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में 2015 और 2018 के बीच ऐसी घटनाओं की तुलना में 2019 से अब तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार क ओर से जारी बयान में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए राज्य के चार जिलों में अलग-अलग महिला पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जबकि 455 पुलिस स्टेशनों और चौकियों में विशेष महिला सेल काम कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार ने ऑनलाइन सहित जुए पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ जुआ (निषेध) अधिनियम-2022 लागू किया है। इसमें दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जो फर्जी चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगे गए लोगों को पैसा लौटा रहा है।