अवकाश के दिन पंचायत सचिव हड़ताल पर…

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बालोद–प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर रविवार को अवकाश के बावजूद ब्लॉक गुरुर के समस्त पंचायत सचिव अपनी 1 सूत्री मांग 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधी पश्चात समस्त पंचायत सचिवों का शासकीय करण को लेकर धरने पर बैठे हैं |
बड़ी विडंबना है जमीनी स्तर पर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की ग्यारहवीं अनुसूची के 29 विषयों में से लगभग 200 प्रकार के कार्यों को पंचायत सचिवों द्वारा पूरी इमानदारी निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया जा रहा है| राज्य शासन को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उत्कृष्ट कार्यों के प्रदर्शन हेतु जो पुरस्कार मिले हैं |
इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ पंचायत सचिवों को जाता है जो पूरी निष्ठा पूर्वक सरकार की योजनाओं को पूरा करता है| तो इन कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन पाने एवं शासन के कर्मचारी कहलाने का पूरा हक है परंतु बड़ी विडंबना है कि पंचायती राज के कर्णधार सचिवों को आंदोलन में बैठने के लिए बाध्य होना पड़ा है इनके द्वारा किए जा रहे 1 सूत्री मांग 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पश्चात समस्त ग्राम पंचायत सचिव का शासकीय करण सरकार शीघ्र पूर्ण करें |
यहां पर यह बताना जरूरी है पंचायत सचिवों को अगर किसी सचिव की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो अनुग्रह राशि मात्र ₹25000 प्रदान किया जाता है जबकि अन्य शासकीय कर्मचारियों को यह अनुग्रह राशि ₹50000 प्रदान किया जाता है शासन की इस प्रकार की दोहरी नीति भेदभाव पूर्ण नीति का पंचायत सचिव संघ विरोध करती है सरकार से मांग किया जाता है कि पंचायत सचिव को प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि अन्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले राशि के बराबर मिलना चाहिए अगर कोई पंचायत सचिव बीमार भी हो जाता है चिकित्सा भत्ता की पात्रता नहीं है |बेचारे लाचार सचिव इनकी पूर्ति करने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर पीड़ित साथियों को सहयोग करने का बीड़ा उठाया है |
पंचायत सचिव संघ के गुरुर इकाई के अध्यक्ष पन्नालाल सिन्हा द्वारा बताया गया विगत 1 वर्ष में 2 ग्राम पंचायत सचिव स्वर्गीय जीवन लाल ठाकुर एवं स्वर्गीय संतराम साहू के मृत्यु के पश्चात पंचायत सचिव संघ द्वारा पीड़ित परिवारों को सहयोग राशि प्रति सदस्य ₹500 इकट्ठा कर सहयोग प्रदान किया गया है |
गुरुर ब्लॉक के पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन काम बंद कलम मन आंदोलन में आज नौवें दिन भी बैठे रहे।
बालोद गुरूर से ऋषभ पाण्डेय के साथ के.नागे की रिपोर्ट

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