कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन ने वन विभाग को दिया चेतावनी | कहा – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के आदिवासियों का शोषण अत्याचार बंद करो और आदिवासियों को जीवन यापन का अधिकार दो |

कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन ने वन विभाग को दिया चेतावनी | कहा – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के आदिवासियों का शोषण अत्याचार बंद करो और आदिवासियों को जीवन यापन का अधिकार दो |
रायपुर | कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन ने वन विभाग को चेतावनी दिया है और कहा है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के आदिवासियों का शोषण अत्याचार बंद करो और आदिवासियों को जीवन यापन का अधिकार दो | ज्ञात हो की कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के फर्जी बाघ और आदिवासियों पर वन विभाग के अत्याचार की सुचना मिली थी जिस पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के फर्जी बाघ और आदिवासियों पर वन विभाग के द्वारा किये गए अत्याचार का जांच पड़ताल किया गया | कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन के जांच पड़ताल में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद क्षेत्र के सरपंचो , ग्रामीणों , आदिवासियों से पता चला की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं है और वन विभाग बाघ का फर्जी मल, फर्जी फोटो, फर्जी पंजा बना कर बाघ का फर्जी सबूत बनाता है साथ ही टाईगर रिजर्व के नाम पर वन विभाग वहा निवास करने वाले आदिवासियों पर भारी अत्याचार कर रहा है |
कालचक्र न्यूज के सम्पादक प्रवीण देवांगन ने बताया की आदिवासियों को खेत, जमीन, घर, देव स्थल छोड़ कर जाने के लिए वन विभाग भारी दबाव डाल रहा है | परन्तु आदिवासी ग्रामीण वहा से हटने के लिए तैयार नहीं है क्योकि वहा के आदिवासी दादा – पुरखा जमाने से उक्त जंगल क्षेत्रो में निवास करते आ रहे है | उन आदिवासियों की पुश्तैनी जमीन – खेती वहा पर है , उनकी संस्कृति और देव स्थल वहा पर है , उनकी परम्परा और पुरानी यादे वहा पर है | इन सभी को छोड़ कर आदिवासी वहा से चले जायेंगे तो फिर आदिवासियों की पूरी संस्कृति ही समाप्त हो जायेगी | इसलिए अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए आदिवासी वहा से हटना नहीं चाहते है |