Day: December 24, 2021

जुलूस के दौरान पिस्टल लहराने वाला युवक गिरफ्तार….

कृष्णा मेश्राम - संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ मो-8770229548 नवापारा राजिम अभनपुर- हाथ में पिस्टल लेकर लहराने वाले युवक को अभनपुर...

पूर्व कृषि मंत्री मृतक के निवास पहुँच शोकाकुल परिवारों काे ढांढस बांधा…… कृष्णा मेश्राम संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़, मो -8770229548 नवापारा (राजिम)-छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू शुक्रवार शाम को नवापारा पहुंचे और वार्ड क्रमांक 11 में स्वर्गीय तरुण देवांगन के निवास पहुंचकर तरुण की आकस्मिक मृत्यु पर उसके शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बांधा। श्री साहू ने तरुण के परिजनों से कहा कि मृत्यु अटल सत्य है लेकिन इतनी कम उम्र में तरुण की आकस्मिक मृत्यु होना काफी दुखदायी है ।भगवान तरुण की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें । बता दें कि शुक्रवार सुबह तरुण की अपने ही घर के बाथरूम में नहाते वक्त करंट की चपेट में आने से आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।ततपश्चात तरुण के घर से निकलकर श्री साहू नगर के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित वार्ड की नवनिर्वाचित भाजपा पार्षद श्रीमती मधु तरुण बाफना के घर पहुंचे और उन्हें भारी भरकम 264 मतों से जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि उनकी जीत नवापारा नगर सहित भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस द्वारा भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिए जितने भी हथकंडे अपनाए गए थे, उन्हें हमारे कार्यकर्ताओं ने संगठित होकर काम करते हुए विफल कर दिया। श्री साहू ने कहा कि पालिका में कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी कांग्रेस अपने ही द्वारा जीती गई वार्ड क्रमांक 14 को बचा नहीं पाई। यह साफ तौर पर दिखाता है कि वार्ड क्रमांक 14 की जनता कांग्रेस से कितनी नाराज थी ।श्री साहू ने श्रीमती मधु बाफना के साथ-साथ उन्हें जीत दिलाने वाले भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को बधाई देते हुए श्रीमती मधु बाफना को वोट देने वाले वार्ड के तमाम लोगों को धन्यवाद दिया इस दौरान श्री साहू के साथ भाजयुमो के प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य किशोर देवांगन, वरिष्ठ पार्षद प्रसन्न शर्मा ,डॉक्टर निमई विश्वास ,मनीष चौधरी, मुस्ताक सुलड़ा, सुधीर रजक ईश्वरी देवांगन ,अकरम ,रजत राजपूत आदि उपस्थित थे।।

लाखों का बिजली बिल बकाया गोबरा नवापारा और राजिम की स्ट्रीट लाइटें बंद

कृष्णा मेश्राम संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ मो-8770229548 नवापारा राजिम- छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी मर्यादित कनिष्ठ यंत्री कार्यालय पारागांव द्वारा गोबरा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।