छत्तीसगढ़

एसडीएम सूरज कुमार साहू ने धान उपार्जन केन्द्र शोभा का निरीक्षण- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर। धान उपार्जन केन्द्र शोभा का निरीक्षण एसडीएम सूरज कुमार साहू तथा नायाब तहसीलदार मैनपुर कृष्णमूर्ति दीवान...

Covid 19 टीकाकरण हेतु पूर्वाभ्यास विकास खंड गुरूर

बालोद–विकास खंड गुरूर के कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जिला प्रशासन के निर्देश पर विकास खंड गुरूर में खंड चिकित्सा...

भूपेश सरकार जवाब दो. बारदाना की व्यवस्था करो. तीन दिनों मे भुगतान करो. की मांग के साथ भाजपा ने विधानसभा स्तरीय किया धरना प्रदर्शन..

बालोद.. राज्य सरकार की वादाखिलाफी, किसानों पर हो रहे अत्याचार व अन्याय, धान खरीदी की अव्यवस्था, बारदाने की व्यवस्था करने,...

सफाई मित्रों को दिया स्वच्छता का संदेश. आप रहोगे स्वस्थ तो शहर होगा पूरा स्वास्थ्य. डॉ प्रदीप जैन..

बालोद…. जिला प्रशासन इंडियन रेडक्रास सोसायटी बालोद द्वारा नगर पालिका परिषद बालोद के स्वच्छता मित्र महिला स्व सहायता समूह को...

राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास समिति का ग्राम कनेरी में गठन

बालोद… अयोध्या में श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान पूरे देश में 15 जनवरी से...

सचिव संघ एवं रोजगार सहायक संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है अनिश्चित कालीन काम बंद कलम बंद आंदोलन

बालोद.. प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर पूरे प्रदेश के सचिव 26 तारीख से अनिश्चितकालीन काम बंद कलम...

आक्रोशित किसानों ने बैंक में जडा ताला और बैंक कर्मियों को बाहर निकालकर जमकर ली खबर- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर के गोहरापदर जिला सहकारी बैंक में भर्रासाही के खिलाफ फूटा किसानों का गुस्सा,...

डी.ए.व्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल मुंगझर, देवभोग में मनाया गया ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा दिवस- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। डी.ए.व्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल मुंगझर, देवभोग में मनाया गया ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा दिवस युग प्रवर्तक ,ओजस्वी विचारक,...

मड़ाई मेला ग्रामीण संस्कृति की पहचान , छत्तीसगढ़ी परम्परा का पर्व – स्मृति ठाकुर

कोमा - मड़ाई मेला ग्रामीण संस्कृति की पहचान व छत्तीसगढ़ी परम्परा का पर्व – स्मृति ठाकुर जिला पंचायत अध्यक्ष गरियाबन्द...

कृषि बिल के सहारे देश को चुनिंदा पुंजीपतियों के आगे गिरवी रखना चाहती है केन्द्र सरकार – ओंकार शाह

पूर्व विधायक ओंकार शाह ने कहा सरकार को किसानों की पीढा क्यों नही दिखाई देती इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर -...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।