छत्तीसगढ़

चोरी के मामले में 02 आरोपी गिरफ्तार पाण्डुका पुलिस की कारवाही

संवाददाता - उरेंद्र कुमार साहू लोहरसी गरियाबंद | दो आरोपियों के कब्जे से 23 नग मोबाईल बरामद किया गया ,...

बंद पड़े परिवहन चेक पोस्ट को खोलना भाजपा के पद चिन्हों पर चलने के बराबर है – कोमल हुपेंडी प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़

परिवहन चेकपोस्ट केवल अवैध वसूली का केंद्र मात्र हैं- उत्तम जायसवाल प्रदेश सचिव आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी...

जिले में गणेश उत्सव के संबंध में कलेक्टर ने जारी किया दिशा-निर्देश- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । कोविड-19 वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा वर्तमान में जिले में...

माकपा के आरोप : तबलीगी संबंध की अफवाह और कोरोना पॉजिटिव के शक के आधार पर सुकमा प्रशासन ने युवक को बनाया बंधक

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शाहनवाज़ अहमद नामक एक मुस्लिम युवक को अफवाह और शक के आधार पर सुकमा प्रशासन द्वारा...

जनपद पंचायत मैनपुर की अनियमित बहनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी भेजकर नियमितीकरण का उपहार मांगेगी- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर । छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ राज्य इकाई के आवाहन पर मिशन रक्षा सूत्र कार्यक्रम किया जा...

वक्ता मंच द्वारा 30 जुलाई को विराट ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन……

रायपुर।प्रदेश के सामाजिक व साहित्यिक मोर्चे पर एक साथ सक्रिय संस्था वक्ता मंच द्वारा गुरुवार 30 जुलाई 2020 को संध्या...

राम मंदिर के पुनर्निर्माण से राम राज्य की स्थापना होगी

संवाददाता - उरेंद्र कुमार साहू लोहरसी फिंगेश्वर | हजारो वर्षो के गुलामी के बाद स्वतंत्र भारत में राम राज्य की...

ग्राम लोहरसी में पुस्तकालय निर्माण जारी ….

संवाददाता उरेन्द्र कुमार लोहरसी फिंगेश्वर | जनपद पंचायत फिंगेश्वर के ग्राम पंचायत लोहरसी में शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालय भवन बनने...

ग्राम लोहरसी में पुस्तकालय निराम जारी

संवाददाता उरेन्द्र कुमार लोहरसी फिंगेश्वर | जनपद पंचायत फिंगेश्वर के ग्राम पंचायत लोहरसी में शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालय भवन बनने...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।