छत्तीसगढ़

आस्था के छात्रों ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण 2019 पर राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

दंतेवाड़ा/गीदम:- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, ऊर्जा मंत्राल, भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले के कुम्हारी में स्थित पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ...

रायपुर एयरपोर्ट के लिए मुसीबत बनी 4 साल से खड़ी ये फ्लाइट, 1 करोड़ तक पहुंचा पार्किंग किराया

रायपुर. रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (Swami Vivekananda Airport)) में खड़ा एक बांग्लादेशी विमान (Bangladeshi aircraft) यहां की एयरपोर्ट अथॉरिटी के...

भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक, पंचायत चुनाव पर हो सकता है बड़ा फैसला

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में शनिवार सुबह एक बार फिर मंत्रिमंडल की एक अहम बैठक बुलाई गई है. मुख्यमंत्री...

ओडिशा से महासमुंद में लाया जा रहा अवैध धान, अब तक 4 हजार क्विंटल जब्त

महासमुंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) शासन दूसरे प्रांत से अवैध धान परिवहन करने वालों पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए राज्य के...

पैसेंजर को आया हार्ट अटैक, रायपुर एयरपोर्ट पर हुई फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (Swami Vivekananda Airport) पर फिर एक बार फ्लाइट की...

गरियाबंद जिले में बच्चों को 129 फर्जी शिक्षाकर्मी पढ़ा रहे हैं, जाँच के बाद भी कार्रवाई नहीं, जिला पंचायत सीईओ ने साधी चुप्पी, जनपद सीईओ उलझन में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख

गरियाबंद जिले में बच्चों को 129 फर्जी शिक्षाकर्मी पढ़ा रहे हैं, जाँच के बाद भी कार्रवाई नहीं, जिला पंचायत सीईओ...

घर में गड्ढा कर छिपा रखा था 70 लाख रुपये के कीमती हाथी के दांत, 8 गिरफ्तार

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के वन मंडल बलरामपुर (Forest Division Balrampur) के अंतर्गत परिक्षेत्र रघुनाथनगर स्थित वन खण्ड शंकरपुर में दो...

किसानों को राहत का दावा: छत्तीसगढ़ में रबी फसल सिंचाई के लिए नहीं होगी पानी की परेशानी

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार ने दावा किया है कि सत्र 2019-20 में रबी फसल (Rabi...

क्रिकेट खिलाड़ियों से लूटपाट के 6 आरोपी गिरफ्तार, ट्रेन में चाकू की नोंक पर की थी वारदात

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में सोमवार रात विशाखापट्नम (Visakhapatnam) पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) में क्रिकेट खिलाड़ियों (Cricket...

आस्था विद्या मंदिर में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ।

दंतेवाड़ा/गीदम:- बदलती रही मौसम को ध्यान में रखते हुए दंतेवाड़ा जिले के एजुकेशन सिटी जावंगा में स्तिथ आस्था विद्या मंदिर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।