छत्तीसगढ़

धान ख़रीदी के 12 दिनों में 12 फ़रमान निकाल कर भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों की 12 बजाई: अमित जोगी

भूपेश सरकार ने प्रदेश में 1 करोड़ मेट्रिक टन रिकार्ड पैदावार होने के बावजूद धान का समर्थन मूल और ख़रीदी...

धान खरीदी केन्द्र मे किसानो ने जड़ा ताला – सरकार के खिलाफ कर रहे है नारेबाजी- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर समर्थन मूल्य में धान खरीदी पर लीमिट तय...

युवाओं को क्रिकेट में रुचि लेते देखकर होती है बहुत खुशी- संजय नेताम – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। बिन्द्रानवागढ़विधानसभाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बजाड़ी में क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्यातिथि...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हुई हाथी की मौत और वन विभाग करोडो डकार कर उड़ा रहा मौज – शिवशंकर सोनपीपरे एवं तीव कुमार सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हुई हाथी की मौत और वन विभाग करोडो डकार कर उड़ा रहा मौज – शिवशंकर...

हाथी के शावक के कंकाल पर होगा रिसर्च- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। कल जिस हाथी की शावक की मौत पहाडी गांव में हुई है...

धान खरीदी केन्द्रों मे स्वास्थ्य परीक्षण शिविर- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। जिला मुख्यालय गरियाबंद से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम-मदनपुर के...

ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य…. मामला दल्ली राजहरा का.

बालोद.. दल्ली राजहरा बार बार समाचार प्रकाशन के बाद भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई जा रही जल आवर्धन...

छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश में वामपंथी आंदोलन के वरिष्ठ नेता और माकपा के प्रथम राज्य सचिव कॉमरेड एस कुमार का निधन …विगत 9 नवम्बर 2019 को रायपुर में हो गया है।

छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व वे माकपा के मध्यप्रदेश राज्य सचिवमंडल के सदस्य थे। उनकी याद में एक स्मृत्यान्जलि सभा का...

चंद्रेश सिंह ठाकुर बने युवा इंटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ….

रायपुर - राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (INTUC) छत्तीसगढ़ प्रदेश महामंत्री रजनीश सेठ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, इंटक प्रदेशाध्यक्ष...

संभाग स्तरीय आदिवासी नृत्य महोत्सव दूसरे दिवस में हजारो लोगो की भीड़- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर वन विभाग मैदान मे आज शनिवार...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।