हाथी के शावक के कंकाल पर होगा रिसर्च- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद
इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद
सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। कल जिस हाथी की शावक की मौत पहाडी गांव में हुई है उसके शव को वन अफसरो की उपस्थिति में पोस्टमार्डम कर विशाल गढढे खोदकर सुरक्षित ढंग से दफनाया गया है कुछ माह बाद जंहा हाथी के शव को दफनाया गया है वंहा से उसके कंकाल को निकाला जाएगा और इस कंकाल का रिसर्च किया जाएगा यह अपने तरह से नया प्रयोग बताया जा रहा है ज्ञात हो कि इसके पूर्व भी उदंती अभ्यारण्य में वन भैसा के मौत होने पर उसके शव को सुरक्षित दफनाया गया है जिसके कंकाल निकालकर वनभैसो पर भी रिसर्च किए जाने की बात कही जा रही है । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र के गांव आमामोरा ओंड पहाडी में शनिवार को हाथी के शावक की मौत हो जाने से वन विभाग में हडकम्प मचा रहा मामले की जानकारी लगते ही मुख्य वन सरंक्षक वन्य प्राणी एच.एल. रात्रे, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक राज विष्णु नायर, एसडीओ पी आर धु्रव व पुरा वन विभाग का अमला डाॅक्टरो के टीम के साथ पहाडी के गांव ओंड से दो किलोमीटर दुर जंगल किनारे पहुचकर मृत हाथी के शावक का पंचनामा तैैयार कर पोस्टमार्डम किया गया और देर शाम मृत शावक के शव को जमीन में गढढा खोदकर दफन किया गया साथ ही इस शावक के कंकाल को सुरक्षित निकाला जाएगा जिसके लिए पुरे वैज्ञानिक तरीके से हाथी के शावक का दफन करने में शाम हो गई और अधिकारियों का दल पहाडी से देर रात 12 बजे के आसपास मैनपुर पहुचे आज रविवार को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक राज विष्णु नायर ने हमें बताया कि ओडिसा प्रदेश से हाथियो का दल टाईगर रिजर्व के ओंड,आमामोरा ग्राम के जंगल मे पहुचे थे और लगभग 15 दिन पहले एक शावक को जो बीमार हो गया था उसे छोडकर चले गए थे तब इस बिछडे हाथी के शावक को वन विभाग द्वारा ईलाज करवाया जा रहा था शावक के मुंह में घाव हो गया था जिसके चलते उन्हे खाने पीने में परेशानी हो रही थी लेकिन लगभग एक सप्ताह पूर्व हाथियों के दल ने फिर पहुचकर अपने साथ शावक को लेकर चले गए थे शावक के मुंह में घाव होने के चलते संक्रमण फैल जाने से उसकी मौत हूई है और शनिवार को तीन डाॅक्टरो के दल के द्वारा पोस्टमार्डम किया गया है साथ ही हाथी के शावक के शव को दफनाया गया है भविष्य मे उसके कंकाल को निकाला जाएगा और इससे रिसर्च किया जाएगा यह अपने तरह के एक नए प्रयोग बताया जा रहा है ज्ञात हो कि पूर्व में भी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में राजकीय पशु वन भैसा की मौत हो जाने पर उसके शव को सुरक्षित जमीन मे दफनाया गया है । श्री राज विष्णु नायर ने आगे बताया हाथियों का दल ओेंड पहाडी आमामोरा ओडिसा जंगल के समीप अभी भी डेरा डाले हूए है और रात के समय हाथियों का दल काफी दुरी तय कर रहा है दिन को एक जगह डेरा डाले रहते है वन विभाग द्वारा लगातार हाथियों के दल पर नजर रखे हूए है।