ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य…. मामला दल्ली राजहरा का.

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बालोद.. दल्ली राजहरा बार बार समाचार प्रकाशन के बाद भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई जा रही जल आवर्धन योजना के तहत बनाई जा रही पानी टंकी के ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है। साफ जाहिर है कि ठेकेदार और विभाग के इंजिनियरों के मध्य से अनियमितता का खेल खेला जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन से स्वीकृति के बाद लगभग 78 लाख रुपए की लागत से एक टंकी का निर्माण किया जा रहा है शहर के वार्ड क्र 9 व वार्ड क्र 14 में पानी की टंकी का निर्माण ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। दोनों जगह हो रहे टंकी निर्माण में गुणवत्ता को ही दरकिनार किया जा रहा है। बताया गया है कि शासन द्वारा इस परियोजना के निर्माण की स्वीकृति के बाद विभाग द्वारा टेंडर कराया गया और इसके बाद निर्माण कार्य शुरू कराया गया है। अचरज की बात तो यह है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य तो शुरू करा दिया गया, लेकिन टंकी निर्माण में लगातार अनियमितता बरती जा रही है। टंकी निर्माण में बेस कॉलम में भी दरार आ गयी थी जिसकी खबर अखबारों में प्रकाशित की गयी थी लेकिन विभाग द्वारा किसी प्रकार की जांच पड़ताल नही की गयी बल्कि आनन फानन में बेस कॉलम को मुरुम भर कर खोदे गए गड्ढे को भर दिया गया और पिलर खड़े किये जाने लगे। पीएचई विभाग के भ्रष्ट अफसरों को ठेकेदार के काम में कोई अनियमितता दिखाई नही पड़ रही है। अभी वर्तमान में पानी टंकी के पिलर की ढलाई की जा रही है और टंकी का स्लैब ढाला जाना बाकी है। जिसमे क्रांक्रीट पर पानी की तराई भी नही की जा रही है। साफ़ जाहिर है टंकी निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। घटिया स्तर की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। विभागीय अफसर भी निर्माण स्थल पर कार्य का निरीक्षण करने या झाँकने भी नही आते। वार्ड क्र 9 के पार्षद ललित जॉन ने भी टंकी निर्माण में अनियमितता का आरोप लगा काम बंद करवा दिया था। लेकिन ठेकेदार द्वारा अभी भी टंकी के पिलर और कॉलम में पानी की तराई नही की जा रही है। जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद ठेकेदार द्वारा टंकी निर्माण में ईमानदारी नही बरती जा रही है। वार्ड क्र 9 व वार्ड क्र 14 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल आवर्धन योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है जिसमे निम्न स्तर की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। लगभग 1600 किलोलीटर क्षमता वाली इस पानी टंकी निर्माण में पिलर और कॉलम में ढलाई के बाद पानी की तराई भी नही की जा रही है जिससे सीमेंट पूरी तरह मजबूती से पक नही पा रहा है। जिसके चलते टंकी अपेक्षाकृत कमजोर बनेगी जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। वर्षो की मांग के बाद शासन के द्वारा टंकी निर्माण के लिए टेंडर हुआ है जिसमे भी ठेकेदार और इंजिनियर की मिलीभगत और लापरवाही के चलते कमजोर और त्रुटिपूर्ण कार्य हो यह शहरवासी नही चाहते।

बता दे कि टंकी निर्माण की जिम्मेदारी ठेकेदार मारुती इंफ्रास्ट्रक्चर को दी गई है। निर्माण स्थल के पास नगर पालिका के पास प्लास्टिक बैनर लगा दिया गया है जिस पर किस मद से कितनी लागत से इस टंकी का निर्माण होना है, इसके लिए कोई सूचना उपलब्ध नही है। टंकी निर्माण कार्य की कार्यावधि एक वर्ष है एवं टंकी की क्षमता 1600 किलोलीटर है। टंकी की लागत लगभग 78 लाख 43 हजार है।

निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। टंकी के पिलर कमजोर तैयार हो रहे हैं। पिलरों में घटिया सरिया उपयोग किया जा रहा है, साथ ही सीमेंट भी निर्धारित मात्रा से कम उपयोग कर निर्माण कार्य चल रहा है। टंकी के पिलर में मजबूती से ढलाई नही की गयी है। निर्माण कार्य में प्रयुक्त क्रांक्रीट का क्यूब टेस्ट करवाने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। टंकी निर्माण में लगे मजदूरों को ठेकेदार के द्वारा किसी भी प्रकार का सुरक्षा उपकरण जैसे सेफ्टी हार्नेस, सेफ्टी रोप, सेफ्टी बेल्ट, सेफ्टी शूज और हेलमेट भी मुहैया नही कराया गया है श्रमिक नगरी में पानी टंकी निर्माण में लगे मजदुर बिना सुरक्षा उपकरण जान जोखिम में डालकर कार्य करने मजबूर है। वही निर्माण कार्य में लगे मजदुरो को घायल होने पर अन्यत्र भेज दिया गया है।

कल ही जाकर निर्माण कार्य की जाँच करता हूं।
-नितिन ठाकुर
अनुविभागीय अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग डौंडी

निर्माण स्थल पर ऊपर से लोहे व अन्य सामग्री लगातार गिरती रहती है। वही रिहाइशी इलाका होने के कारण बच्चे व पालतू पशु बार बार निर्माणाधीन टंकी के नीचे चले जाते है। जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
बता दें कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य स्थल के चारो ओर अस्थाई घेरा नही किये जाने से कभी भी किसी जान माल का नुकसान हो सकता है। जिससे इंकार नही किया जा सकता।

दूसरी ओर वार्ड वासियो के लिए हैण्डपम्प को तोड़कर ठेकेदार द्वारा उस बोर में सबमर्सिबल पम्प लगाकर वार्डवासियो के पानी का जबरिया दोहन किया जा रहा है ।के. नागे के साथ फिरोज अहमद खान की रिपोर्ट दल्ली राजहरा.

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