छत्तीसगढ़

गरियाबंद नगर पालिका में चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी गफ़्फ़ु मेमन बने अध्यक्ष – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद गरियाबंद:- नगर पालिका चुनाव में आज पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद हुए...

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शाम की ओपीडी का निरीक्षण – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद ज़िद है सच दिखाने की सर्वोच्य छत्तीसगढ़ गरियाबंद/ मैनपुर । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग...

केशडबरी में सीसीकरण सड़क बना लेकिन पानी निकासी के लिए नाली निर्माण नही किया गया

बेमेतरा/देवरबीजा - बेरला ब्लाक के ग्राम पंचायत केशडबरी में बने वार्ड क्रमांक 5-6 में सीसीकरण सड़क तो बना दिया गया...

पालिका अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

कांग्रेस पर्यवेक्षक भजन सिंह निरंकारी ने ली बैठक बेमेतरा - नगर पालिका अध्यक्ष एंव उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर बेमेतरा के...

पांच ग्रह एक राशि में वर्तमान समय बहुत कठिन -पं सुधीर शुक्ला’

देवकर - ग्रहों के शक्ति के विषय मे काँचरी वाले पं.सुधीर शुक्ला (काँचरी )ने बताया की प्रत्येक मनुष्य इससे जुड़ा...

रायपुर शहर से लगा हुआ बोरियां, डुंडा सड़क मार्ग वर्षो से अंधेरा पड़ा…….

रायपुर शहर से लगा हुआ बोरियां, डुंडा सड़क मार्ग वर्षो से अंधेरे में डूब हुआ है। बता दे कि पिछले...

मैनपुर सरपंच के लिए रामकृष्ण ध्रुव ने समर्थकों के साथ किया नामांकन दाखिल – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर - तहसील मुख्यालय ग्राम पंचायत मैनपुर खुर्द में सरपंच पद के लिए युवा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।