छत्तीसगढ़

साहित्यकार एवं कलाकार कल्याण संघ जिला बेमेतरा ने स्व.गौरीशंकर बाघ परिवार को दिया आर्थिक सहयोग…

साहित्यकार एवं कलाकार कल्याण संघ जिला बेमेतरा ने स्व.गौरीशंकर बाघ के परिवार को दिया आर्थिक सहयोग साहित्यकार एवं कलाकार कल्याण...

बस दुर्घटना में घायलों को मंत्री जी ने दिए दस,दस हजार के चेक …

बस दुर्घटना में घायलों को मंत्री ने दिया दस-दस हजार का चेक... बेमेतरा 09 मई 2018:- सहकारिता, संस्कृति एवं पर्यटन...

बढ़ती पट्रोल , डीजल की कीमत में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर युवां कांग्रेस ने सड़क से लेकर पेट्रोल पंम्प तक जोरदार प्रदर्शन किया…

*बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमत में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर युवा कांग्रेस ने सड़क से लेकर पेट्रोल पम्प तक जोरदार प्रदर्शन...   *केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार होने के कारण आजलोग पेट्रोल डीजल डलवाने सेसबसे पहले अपने जेब टटोलनेलगते है।* बेमेतरा 09 मई 2018 :- बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमत में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर नगर पंचायत बेरला में युवा कांग्रेस के नेतृत्व में मेन रोड सड़क शासकीय हॉस्पिटल से लेकर  इंडियन ऑईल पेट्रोल पम्प तक पोस्टर लेकर पेट्रोल डीजल की  मूल्य में वृद्धि का जोरदार/विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान श्रीमती कविता साहू महासचिव प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ एवं जिला पंचायत अध्यक्ष बेमेतरा, भारत भूषण साहू पार्षद, राजेश साहू, अजय राज सेन जिला अध्यक्ष ...

एसएसपी ने उत्कृष्ट कार्य हेतु पुलिस अधिकारियों को किया सम्मानित…

एसएसपी ने उत्कृष्ट कार्य हेतु पुलिस अधिकारियों को किया सम्मानित । सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" ::-  8 मई 2018 को रायपुर के...

सुकमा ब्रेकिंग…NH30 पर कैसे निर्माणाधीन पूल ढह गया और फंस गया हाईवा…

सुकमा ब्रेकिंग... NH30 पर निर्माणधीन पुल ढहा अटक गया हाईवा ... सुकमा (08 मई 2018)।  कुछ देर पहले सुकमा के...

बांस की खेती से भी किसानों को हो सकती है दोगुनी आमदनी:- मंत्री महेश गागड़ा

वन मंत्री महेश गागड़ा बोले- बांस की खेती से भी किसानों को हो सकती है दोगुनी आमदनी, तकनीकी हस्तांतरण के...

नारो से साथ माताओ और बहनों ने सूपा बजाकर किया विरोध…

नारों के साथ माताओ व बहनों ने सूपा बजाकर विरोध किया। मंदिर बचाओ आंदोलनम् के समर्थन में काशी की माताओं बहनों...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।