ओरछा विकास खण्ड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले ग्राम कुरुषनार एवम बासिंग स्वयम वाहन चला के पहुंचे -श्री केदार कश्यप…
*ओरछा विकास खण्ड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले ग्राम कुरुषनार एवम बासिंग स्वयम वाहन चला के पहुंचे -श्री केदार कश्यप*
आदिम जाति विकास मंत्री पहुंचे कुरूषनार और बांसिग
परम्परागत खेती के अलावा किसान करें अन्य फसलों की खेती:- मंत्री श्री केदार कश्यप
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यहां की जलवायु और वातावरण हर प्रकार की खेती के लिए उपयुक्त
बासिंग सड़क निर्माण और बालक आश्रम का भी किया अवलोकननारायणपुर 6 जून 2018 – आदिमजाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप आज ओरछा विकास खण्ड के प्रवेश द्वारा कहे जाने वाले ग्राम कुरूषनार पहुंचे। वहां उन्होंने हमर जंगल-हमर आजीविका के तहत चल रहे कार्यो की प्रगति को देखा। यह ग्राम नारायणपुर जिला मुख्यालय के नजदीक है। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि 160 एकड़ भूमि में 86 किसानों की आपसी सहमती पर तीन चक बनाकर भूमि का समतलीकरण, डबरी निर्माण और तार फेंसिंग का काम किया किया गया है। उन्होंने बताया कि खेती की सिंचाई के लिए 10 टयूबवेल और पांच तालाब के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। मंत्री श्री कश्यप ने नारायणपुर-बांसिग सड़क निर्माण ओर बासिंग में बनाए जा रहे 50 सीटर बालक आश्रम का भी अवलोकन किया । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए ।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने मानसून को देखते हुए सभी काम तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने उपस्थित किसानों और ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि परम्परागत खेती के अलावा वे अन्य फसलों की खेती भी कर सकते है। उन्होंने कहा कि यहां का वातावरण और जलवायु हर प्रकार की खेती के लिए उपयुक्त है। किसान औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती कर लाभ कमा सकते है। इसके अलावा आय बढ़ाने के लिए साग-सब्जी पैदा कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते है। मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार भी किसानों के हितों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। उसका किसान लाभ उठाए। उन्होंने किसानों को समझाईश दी कि शासन-प्रशासन आपके हित के लिए काम कर रहा है उनका वे सहयोग करें। अपनी जमीन पर आधुनिकता के साथ खेती करें। आधुनिक खेती की जानकारी कृषि विभाग के अधिकारियों से ले सकते है। उन्होंने समन्वित कृषि अपनाकर आय दुगुनी करने की बात कही।
कलेक्टर श्री वर्मा ने मंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि 160 एकड़ जमीन की सिंचाई ड्रिप पद्धति से की जाएगी । श्री वर्मा ने बताया कि खेती के अलावा यहां के मुनगा प्लांटेशन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी, श्री अशोक चैबे मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री दिनेश कुमार नाग, सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास श्री के.एस मसराम,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ओरछा श्री आशीष डे, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पंच, सरंपच समेत किसान और ग्रामीणजन उपस्थित थे ।
बतादें कि राज्य शासन द्वारा धूर नक्सल क्षेत्र में रहने वाले परिवार विशेषकर पिछड़ी जनजाति (अबुझमाड़िया समुदाय ) को उनके जीवन यापन हेतु वन भूमि पटटा प्रदाय किया गया है। उक्त भूमि कृषि योग्य विकसित न हो पाने एवं सिंचाई के साधन के अभाव के कारण अधिकांश किसान इस भूमि पर मुश्किल से एक फसल ले पाते है, एवं कई किसान अपनी भूमि पर पेदा खेती करते है। राज्य शासन द्वारा अबुझमाडिया परिवारों को वन सरंक्षण के प्रति प्रेरित करने उनकी आजीविका का बढ़ाने एवं कृषि भूमि को बहुफसली बनाने के उद्श्ये से हमर जंगल हमर आजीविका अभियान चलाया जा रहा है