छत्तीसगढ़

*ओबीसी महासभा राष्ट्रीय जनगणना एवं आरक्षण के मुद्दों पर निकाली मशाल जुलूस*

*ओबीसी महासभा राष्ट्रीय जनगणना एवं आरक्षण के मुद्दों पर निकाली मशाल जुलूस*   आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से...

*“योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार विज्ञान को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने महासभा का आयोजन“*

*“योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार विज्ञान को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने महासभा का आयोजन“*     आज सर्व समाज समन्वय...

*वक्ता मंच द्वारा परसदा विद्यालय में चप्पल वितरण किया गया*

*वक्ता मंच द्वारा परसदा विद्यालय में चप्पल वितरण किया गया*   रायपुर l सामाजिक संस्था ' वक्ता मंच' द्वारा ग्रामीण...

वन विभाग ने आदिवासियों से पालतू भैंसा खरीदा और वनभैंसा घोषित कर दिया | अब आदिवासियों को उनके भैंसा का पैसा नहीं दे रहा है वन विभाग | हरिभूमि समाचार पत्र ने भी समाचार प्रकाशित कर उजागर किया है

रायपुर | गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बहुत ही सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जहा पर...

*नेता शंकर लाल साहू हुवे छप्पन साल के मिली ढेर सारी बधाईयां* *स्व. मेहतर लाल साहू के आशीर्वाद से यहाँ तक मिली कामयाबी*

*नेता शंकर लाल साहू हुवे छप्पन साल के मिली ढेर सारी बधाईयां* *स्व. मेहतर लाल साहू के आशीर्वाद से यहाँ...

सचिव तुकाराम नायक खा गया पेंशन, गरीबो को दे दिया टेंशन , जनपद अधिकारी नहीं ले रहे है कोई एक्शन | मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बिरिघाट का है मामला |  

रायपुर | ग्राम पंचायत बिरिघाट के सचिव तुकाराम नायक के द्वारा पेंशनधारियो के पेंशन को गबन कर लिया गया है...

सचिव अशोक मोहंती ने किया पी एम् आवास का 15 लाख रूपये का गबन | आदिवासी हितग्राहियों से आवास बनाने के नाम पर मांग लिया पैसा और किया गबन |  

रायपुर | मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत खोखमा में पदस्थ रहे सचिव अशोक मोहंती ने पी एम् आवास का 15...

सचिव अशोक मोहंती ने किया ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल में 30 लाख रूपये का गबन | ग्रामीणों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष  संजय नेताम को किया है सचिव की शिकायत |

गरियाबंद | मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव अशोक  मोहंती द्वारा 30 लाख रूपये का गबन कर लिया...

बिलासपुर की फैक्टरी में भीषण आग से लाखों का बारदाना खाक

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित बारदाना फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। तोरवा में स्थित फैक्ट्री में आग...

*टीआरपी के संपादक का मनाया गया जन्मदिन देर रात तक आती रही बधाईयां …*

*टीआरपी के संपादक का मनाया गया जन्मदिन देर रात तक आती रही बधाईयां ...*     पढ़िए पूरी खबर... रायपुर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।