*“योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार विज्ञान को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने महासभा का आयोजन“*

0
Spread the love

*“योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार विज्ञान को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने महासभा का आयोजन“*

 

 

आज सर्व समाज समन्वय महासभा ने विषय विशेषज्ञों, समाजिक कार्यकर्ताओं, और विभिन्न संगठनों की वृहत महासभा का आयोजन वृंदावन हाल सिविल लाइन में किया . इस आयोजन में महासभा द्वारा योग ,प्राकृतिक चिकित्सा, और आहार विज्ञान को बच्चों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने हेतु प्रस्ताव सभी की सहमति से पास किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ उदयभान सिंह चौहान ने अपने व्याख्यान में कहा कि देश और प्रदेश में भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को जन जीवन तक पहुँचाने के लिये सभी की सहमति आवश्यक है . प्रकृति के अनुसार चिकित्सा, निरोग काया के लिये योग , और पारंपरिक और आधुनिक आहार की समझ बचपन से ही होनी चाहिए. महासभा की अध्यक्षता करते हुये प्रो डॉ संजीव कर्मकार ‘वशिष्ठ’ ने कहा कि अंत्योदय की अवधारणा को लेकर कार्य करने वाली सरकार की नीतियों पर जन चेतना के लिये महासभा का यह विशिष्ट आयोजन है .
कार्यक्रम संयोजक दोस्त और प्योर संस्था के संस्थापक डॉ सत्यजीत साहू ने बताया कि इस महासभा में बहुत से अतिथि वक्ताओं ने मतंत्व्य रखे जिसमें डॉ अरुणा पल्टा पूर्व कुलपति हेमचंद्र विश्वविद्यालय, डॉ विवेक भारती योग चिकित्सक , डॉ श्वेता छाबड़ा आहार विशेषज्ञ, डॉ प्राणेश्वर गुरू गोस्वामी प्राकृतिक चिकित्सक, अनिल चंद्राकर योग शिक्षक संघ, डॉ मंजु ठाकुर योग व्याख्याता , डॉ संगीता कौशिक आयुर्वेद विशेषज्ञ, स्वाती देवांगन पीएससी प्रशिक्षक और लेखा अधिकारी, किशोर महानंद भाजपा अनुसूचित जाती प्रकोष्ठ, आचार्य अर्पितानंद अवधुत आनंदमार्ग आश्रम, प्रियंका उपाध्याय योग प्रशिक्षक ने प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया . डॉ सत्यजीत साहू ने कार्यपालिका , विधायिका और न्यायपालिका के अलावा, लोक मानस की जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला . कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ छगनलाल सोनवानी की टीम के द्वारा राष्ट्रीय योग चयनित बच्चों ने संगीत मय योग प्रस्तुति दी , साथ ही पीएचडी स्कालर सुजीत सुमेर ने बाँसुरी वादन और गुंजन साहु की टीम ने छत्तीसगढ़ महतारी के वेशभूषा का प्रदर्शन किया . महासभा आयोजन कमेटी में आदित्य टंडन, सुषमा पटनायक, जिज्ञासा साहु , खोमेश साहु , सुनील शर्मा, एडवोकेट संतोष ठाकुर सक्रिय सहयोग दिया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

*कृषि विभाग के बीज ग्राम योजना अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर कृषकों के खिले चेहरे* देवभोग:- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बीज ग्राम योजना अंतर्गत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर किसानों के चेहरों में मुस्कान देखने को मिला हैं। ज्ञात हो कि देवभोग विकासखंड अंतर्गत के सैकड़ों किसान इन दिनों ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन,तिलहन एवं मक्का फसल लगाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिसका नजारा देखने को मिला देवभोग कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण कार्यक्रम में जहां किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज लेकर रबी फसल का कार्य शुरू कर दिया हैं। क्षेत्र के किसानों को 60 हेक्टेयर के लिए बीज प्रदाय किया गया एवं चना 100 किसानों को अब तक वितरण किया जा चुका हैं। इसी कड़ी आज देवभोग कृषि विभाग द्वारा सैकड़ों किसानों को चना,मक्का,गेहूं, मसूर एवं अन्य बीज जिला पंचायत सभापति श्रीमती धनमति यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल,कृषि स्थाई समिति सभापति असलम मेमन द्वारा कृषकों को बीज वितरण किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे.एन.नाग,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बसंत कश्यप,संतोष नेताम,ईश्वर दिवान,एवं कृषक लूदर मांझी,शत्रुघन मांझी,उग्रसेन यदु,गिरीश नागेश,हेमसिंह मरकाम,त्रिनाथ मांझी समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे। *क्या है बीज ग्राम योजना*:-बीज ग्राम योजना के तहत 2 से 3 तीन गांव समूहों को मिलाकर एक किसान समूह तैयार किया जाता है। यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग-अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना,राष्ट्रीय बीज रिजर्व,निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है। *वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे. एन. नाग ने कहा शासन द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं का कृषि विभाग द्वारा कृषकों को नियमानुसार जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में बीज वितरण किया जा रहा हैं,आगामी रबी एवं ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।*