छत्तीसगढ़

*रायपुर पश्चिम में पटरी पर लौट सुशासन, मूणत की अगुवाई में विकास कार्यों को मिली गति* *विधायक राजेश मूणत ने 2 वार्डो में 2 करोड़ 10 लाख के निर्माण कार्यों को दी स्वीकृति* *मूणत ने पूर्व में भी किए हैं करोड़ो के निर्माण कार्य स्वीकृत*

*रायपुर पश्चिम में पटरी पर लौट सुशासन, मूणत की अगुवाई में विकास कार्यों को मिली गति* *विधायक राजेश मूणत ने...

*तेलीबांधा में ‘हिट एंड रन’ का मामला सीआईडी जांच हो पिता ने लगाई गुहार…*

*तेलीबांधा में 'हिट एंड रन' का मामला सीआईडी जांच हो पिता ने लगाई गुहार...*     रायपुर - तेलीबांधा इलाके...

*रायपुर पश्चिम में विकास कार्यों को मिली गति* *विधायक राजेश मूणत ने कई निर्माण कार्यों को दी स्वीकृति*

*रायपुर पश्चिम में विकास कार्यों को मिली गति* *विधायक राजेश मूणत ने कई निर्माण कार्यों को दी स्वीकृति* रायपुर/7 सितम्बर...

*डीएवी मुख्य मंत्री पब्लिक स्कूल देहारगुडा में किया गया फाइलेरिया टेस्ट*

*डीएवी मुख्य मंत्री पब्लिक स्कूल देहारगुडा में किया गया फाइलेरिया टेस्ट*     *मैनपुर* - फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार...

*चोरी की एक बाइक की तलाश में निकली देवभोग पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 20 बाइक के साथ दो चोरी के आरोपी गिरफ्तार*

रिपोर्ट:-नागेश्वर मोरे   *चोरी की एक बाइक की तलाश में निकली देवभोग पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 20 बाइक के...

*चोरी की एक बाइक की तलाश में निकली देवभोग पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 20 चोरी की गई बाइक के साथ दो आरोपी गिरफ्तार*

*चोरी की एक बाइक की तलाश में निकली देवभोग पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 20 चोरी की गई बाइक के...

*“शिक्षकों ने बेहतर छत्तीसगढ़ के लिये संघर्ष किया है “*

*“शिक्षकों ने बेहतर छत्तीसगढ़ के लिये संघर्ष किया है “* शिक्षक दिवस के अवसर पर विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी के द्वारा...

*बाला कॉन्सेप्ट का कार्यान्वयन छात्रों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण : डीईओ एसके अंबस्ता*

*बाला कॉन्सेप्ट का कार्यान्वयन छात्रों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण : डीईओ एसके अंबस्ता* • स्कूल शिक्षा विभाग...

*इंडियन काफी हॉउस में मनाया गया पत्रकार मोहन तिवारी का जन्मदिन वरिष्ठजनों ने दिया आशीर्वाद …*

*इंडियन काफी हॉउस में मनाया गया पत्रकार मोहन तिवारी का जन्मदिन वरिष्ठजनों ने दिया आशीर्वाद ...*   पढ़िए पूरी खबर...

मोहम्मद अनीस रजा मुतवल्ली पद पर 148 वोटो से विजयी हुवे…. पढ़िए पूरी खबर …

रायपुर- मुस्लिम समाज के आजमनगर चौरसिया स्तिथ इमामे आलम मस्जिद के लिए मुतवल्ली वर्ष 2024 पद का चुनाव एक सितंबर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।