छत्तीसगढ़

गरियाबंद फिंगेश्वर पुलिस की गौ तस्करों पर बड़ी कारवाही – इतेश सोनी गरियाबंद

स्थान --- गरियाबंद छत्तीसगढ़ इतेश कुमार सोनी ब्यूरो रिपोर्टर गरियाबंद इतेश सोनी गरियाबंद| गरियाबंद पुलिस S P भोजराम पटेल अतरिक्त...

58 हजार 434 मानक बोरा का संग्रहण किया गया,तेन्दूपत्ता संग्रहण में गरियाबंद जिला राज्य में द्वितीय स्थान पर,60 हजार 712 तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों को 23 करोड़ रूपये का भुगतान- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। गरियाबंद वन परिसर स्थित नीलाम हॉल में आज बुधवार को जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित, गरियाबंद के...

रासेयो ने निकाला जनजागृति रैली..

बालोद–शासकीय महाविद्यालय गुरुर के रासेयो इकाई एवम् यूथ रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा गोद ग्राम कन्हारपुरी में जन जागरूकता रैली का...

गरियाबन्द पुलिस की बड़ी कारवाही , गौ तस्करों को धर दबोचा

गरियाबन्द पुलिस की गौ तस्करों पर बड़ी कारवाही पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द कोपरा | गरियाबन्द पुलिस S P भोजराम...

नशा के चलते आय दिन पारिवारिक हिंशा , सड़क दुर्घटना से मौत का कारण शराब – रात्रे

ग्राम पंचायत जेंजरा में नवनिर्मित मुक्तिधाम लोकार्पण कार्यक्रम का किया गया आयोजन , पहुंचे जिला पंचायत सभापति मधुबाला रात्रे पत्रकार...

श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन , बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुगण

श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन , उमड़े श्रद्धालुगन , गीता का रसपान लिया भक्तजन पत्रकार - उरेन्द्र साहू...

अपने माता पिता की इकलौती बेटी सुश्री रुचि शर्मा ने डिप्टी कलेक्टर बनकर किया अपने माता पिता का नाम रोशन – इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

कर्म करें हमेशा सकारात्मक रहें,विश्व की कोई भी समस्या आपके हौसले के सामने छोटी हैं:- सुश्री रुचि शर्मा इतेश सोनी...

धनेश पाटिला ने लिया बालोद जिला अनुसूचित जाति कांग्रेस का आवश्यक बैठक…

बालोद–सोमवार समय दोपहर 12 बजे स्थान सर्किट हाउस बालोद मे जिला अनुसूचित जाति कांग्रेस विभाग जिला बालोद की आवश्यक बैठक...

रानीपरतेवा सरपंच को आगामी आदेश तक निलंबित – एसडीएम शर्मा

गरियाबन्द जिले के छुरा एसडीएम ने रानीपरतेवा सरपंच को आगामी समय तक किया निलंबित पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द गरियाबंद।...

संजय नेताम रुको नहीं आगे बढ़ो | राजापडाव और टाईगर रिजर्व क्षेत्र की जनता आपको उम्मीद से देख रही है | इन क्षेत्र की समस्याओं को संजय नेताम के अलावा कोई दूसरा निराकरण नहीं करा सकता है – सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज

संजय नेताम रुको नहीं आगे बढ़ो | राजापडाव और टाईगर रिजर्व क्षेत्र की जनता आपको उम्मीद से देख रही है...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।