रानीपरतेवा सरपंच को आगामी आदेश तक निलंबित – एसडीएम शर्मा

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गरियाबन्द जिले के छुरा एसडीएम ने रानीपरतेवा सरपंच को आगामी समय तक किया निलंबित

पत्रकार – उरेन्द्र साहू गरियाबन्द

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में छूरा एसडीएम ने रानीपरतेवा सरपंच को आगमी आदेश तक निलंबित कर दिया है। एसडीएम सुश्री रुचि शर्मा ने ये कार्रवाई ऐसे समय मे की है जब क्षेत्र के सरपंच उनके खिलाफ ही धरने पर बैठे हुए है और उन्हें हटाने की मांग कर रहे है।

छूरा एसडीएम सुश्री रुचि शर्मा ने 18 जनवरी को एक आदेश जारी किया है जिसमे उन्होंने रानीपरतेवा पंचायत सरपंच श्रीमती केसरी नेताम को निलंबित कर दिया है। निलंबित आदेश में बताया गया हैै कि सरपंच द्वारा वित्तीय अनियमितता की मंशा से फर्जी व गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए है। इसके अलावा उनपर पदीय दायित्वों का दुरूपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है। सरपंच पति द्वारा शासकीय कार्यो में हस्तक्षेप करने एवं जांच प्रक्रिया में बाधा डालने का जिक्र भी उन्होंने अपने आदेश में किया है। सरपंच श्रीमती केसरी नेताम को आगामी आदेश तक  निलंबित किया गया है।

एसडीएम सुश्री रुचि शर्मा ने स्वयं बीते दिनों गांव पहुंचकर पंचायत कार्यालय का निरीक्षण किया था। जानकारी के अनुसार गांव की महिला सरपंच के खिलाफ अधिकारियों को कई शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसका सरपंच द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत नही किया गया था। अधिकारी ने स्वयं गांव पहुंचकर शिकायतों की जांच की और शिकायते सही पाए जाने पर सरपंच को निलंबित कर दिया।

एसडीएम की ये कार्रवाई ऐसे समय मे हुई है जब स्वयं उनपर स्थानीय सरपंचों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है ओर उन्हें हटाने की मांग पर अड़े है। यहां तक कि सरपंच संघ उनके हटाने को लेकर अनिश्चिकालीन धरने पर बैठा हुआ है। सरपंचों का सबसे बड़ा आरोप महिला आदिवासी सरपंचों को प्रताड़ित करने का है। ऐसे में एसडीएम द्वारा एक और आदिवासी महिला पर कार्रवाई प्रदर्शनकरियो के जख्मो पर नमक डालने से कम नही होगा।

गौरतलब है कि कुछ दिनों से छूरा क्षेत्र की सियासत बहुत गर्म है। विकासखण्ड के सरपंचों ओर अन्य जनप्रतिनिधियो ने जनपद सीईओ एवं प्रभारी एसडीएम सुश्री रुचि शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधि जहां ये साबित करने में लगे है कि सुश्री रुचि शर्मा का व्यवहार और कार्यशैली पद के अनुरूप नही है वही जनपद सीईओ अधिकारियों को ये स्पष्टीकरण देने में जुटी है कि उनके द्वारा जो कार्रवाइयां की जा रही है वह नियमों के तहत है।

ऐसे में धरना प्रदर्शन का क्या परिणाम निकलकर सामने आता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा मगर फिलहाल सियासत के इस खेल में नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है। क्योंकि इसके चलते लोगो के काम बहुत प्रभावित हो रहे है। जिम्मेदार अधिकारी भी फिलहाल मामले में वेट एंड वाच की स्थिति में नजर आ रहे है।

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