छत्तीसगढ़

साल के अंत में लक्ष्मण झूला और खूबसूरत गार्डन का रायपुर शहर को तोहफा -बृजमोहन

महादेव घाट पर बन रहे सस्पेंसन ब्रिज(लक्ष्मण झूला) और गार्डन का कृषि-जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किया निरीक्षण। नदी...

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद माननीय श्री चंदूलाल साहू जी दिनांक आज ग्राम रींवागहन (धमतरी) में दीपावली मिलन समारोह एवं ग्राम कोमा (राजिम) में नवनिर्मित आंगनवाड़ी भवन, प्रधानमंत्री आवास, तथा पानी टंकी लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए

उपरोक्त कार्यक्रमो में सांसद जी ने अपने उदबोधन में कहा कि गांव में समाजिक समरसता कायम करते हुए सभी को...

लोकप्रिय सांसद श्री चंदू लाल साहू जी से मुलाकात कर शोभा गोना क्षेत्र की समस्या व अधूरे सलप जलासय के संबंध में अवगत कराया गया, सांसद जी द्वारा दिया गया जल्द निराकरण का आश्वासन

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री चंदू लाल साहू जी से सामाजिक कार्यकर्ता श्री तीव कुमार सोनी जी ने...

अंग दान महा दान ISCCM ने 12 तारिक को होटल सफायर ग्रीन में ऑर्गन डोनेशन डे मनाया गया इस प्रोग्राम में राजधानी के उच्चस्तरीय डॉक्टर प्रोग्राम में शामिल थे

अंग दान महा दान" ISCCM ने 12 तारिक को होटल सफायर ग्रीन  में ऑर्गन डोनेशन डे मनाया गया  इस प्रोग्राम...

महासमुंद लोकसभा के लोकप्रिय सांसद माननीय श्री चंदूलाल साहू जी दिनांक 11.10.17 को प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी के साथ बोनस तिहार एवं संयुक्त जिला कार्यालय लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए ।

उक्त कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए सांसद महोदय ने कहा कि छ.ग. के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह...

फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज की जांच करने रायपुर आएगी केंद्रीय टीम

रायपुर। दिल्ली-मुंबई में पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने के मामले में पकड़े गए इंटरनेशनल गैंग के मास्टरमाइंड समेत 8 सदस्यों...

सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, आईईडी और भारी संख्या में नक्सली सामान जब्त

दंतेवाड़ा। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में आज सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की और नक्सलियों को भागने पर मजबूर कर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।