शिवशंकर सोनपिपरे

बिश्वनाथ ने आईआईएसएफ 2019 कोलकाता में विदेशी और भारतीय मंत्रियों, अधिकारियों से मुलाकात की।

दंतेवाड़ा: - भारत सरकार के तीन मंत्रालय, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय...

विकासखंड मैनपुर के द हाइट्स स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष में बाल मेला का आयोजन किया गया- इतेश सोनी जिला ब्यूरोचीफ गरियाबंद…

मैनपुर। विकासखंड मैनपुर के द हाइट्स स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष में आज बाल मेला का आयोजन किया गया...

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत विधायक ने कुपोषित बच्चों को पौष्टिक बिस्किट खिलाया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गरियाबंद 15 नवम्बर 2019/ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत जिले के गंभीर कुपोषित बच्चों एवं एनिमिया पीड़ित महिलाओं को कुपोषण से...

CGPSC सिविल जज एग्जाम और रिजल्ट हाईकोर्ट ने किया निरस्त, बिना फीस दिए फिर होगी परीक्षा

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High court) ने एक बड़ा आदेश सुनाते हुए सीजीपीएससी के सिविल जज एग्जाम (CGPSC Civil Judge...

ट्रेन में पिता ने की अपने 11 साल के बेटे को जिंदा जलाने की कोशिश

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में एक पिता (Father) ने अपने ही बच्चे (Son) की हत्या (Murder) करने...

नाबालिग को भगाकर बैंगलोर ले जाने की फिराक में था युवक, बालोद में हुआ गिरफ्तार

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariyaband) जिले में नाबालिग लड़की (Minor Girl) को भगाकर ले जाने वाले युवक को देवभोग पुलिस (Deobhog...

बाल दिवस के अवसर पर आनंद मेला का आयोजन संस्कार पब्लिक स्कूल मैनपुर में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो

बाल दिवस के अवसर पर आनंद मेला का आयोजन संस्कार पब्लिक स्कूल मैनपुर में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो मैनपुर- आज...

किसान सभा के प्रदर्शन के बाद ग्रामीण समस्याओं पर जांच का आश्वासन

जांजगीर। ग्रामीणों की विभिन्न मांगों को लेकर छत्तीसगढ किसान सभा के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला पंचायत कार्यालय पर...

बिलासपुर में रेलवे अंडर ब्रिज निर्माण निर्माण में लगा क्रेन टूटा, 12 से अधिक घायल

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में रेलवे (Railway) फाटक के पास निर्माणाधीन अंडर ब्रिज (Under Bridge) में हादसा (Accident)...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।