CGPSC सिविल जज एग्जाम और रिजल्ट हाईकोर्ट ने किया निरस्त, बिना फीस दिए फिर होगी परीक्षा

0
Spread the love

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High court) ने एक बड़ा आदेश सुनाते हुए सीजीपीएससी के सिविल जज एग्जाम (CGPSC Civil Judge Exam) और रिजल्ट को निरस्त कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने पीएससी (PSC) को दोबारा पहले परीक्षा दिए उन्हीं छात्रों का बिना फीस लिए फिर परीक्षा लेने का बड़ा आदेश भी दिया है. परीक्षा के खिलाफ लगी याचिका में कहा गया था कि मई 2019 में पीएससी द्वारा ली गई परीक्षा में अधिकांश प्रश्नों में कई त्रुटि है. 8 से अधिक परीक्षार्थियों ने अधिवक्ता राकेश पांडे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बेंच में ये मामला लगा था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिविल जज परीक्षा को लेकर एक बड़ा आदेश दिया है.

ये है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) ने 6 फरवरी 2019 को विधि एवं विधायी कार्य विभाग के तहत सिविल जज के 39 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए थे. 7 मई 2019 को ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के दूसरे दिन 8 मई को पीएससी द्वारा मॉडल आंसर जारी किया गया. 24 मई तक ऑनलाइन दावा- आपत्ति मांगे गए थे. सिविल जज परीक्षा देने वाले सव्यसाची चौबे ने अधिवक्ता वैभव शुक्ला के माध्यम से  याचिका लगाई. इस याचिका में कहा गया था कि मॉडल आंसर पर की गई आपत्तियों का निराकरण किए बिना ही नतीजे जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि पहली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी करने के साथ ही अगली सुनवाई तक मुख्य परीक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी थी.

प्रश्नों को बताया था गलत

बता दें कि सिविल जज के 39 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. कोर्ट में लगी याचिका में कहा गया था कि परीक्षा में पूछे गए 100 में से 70 प्रश्नों में स्पेलिंग मिस्टेक हैं. वहीं 15-20 प्रश्नों में मटेरियल मिस्टेक था. पीएससी के नियम के मुताबिक 20 फीसदी प्रश्नों में अगर मटेरियल मिस्टेक है तो परीक्षा रद्द की जा सकती है. ऐसे ही तथ्यों के आधार पर कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed