शिवशंकर सोनपिपरे

7 दिन में नियम तय करें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डीपफेक के खिलाफ आर-पार के मूड में सरकार : मंत्री राजीव चंद्रशेखर

नई दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार डीपफेक जैसी आपत्तिजनक सामग्री से...

कोरोना काल में किया टेस्ट किट और दवाओं का दुरुपयोग, पुणे पुलिस ने स्वास्थ्य अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ दर्ज किया केस

पुणे पुणे पुलिस ने 2021 में महामारी के दौरान एक नागरिक-संचालित अस्पताल के लिए कोविड -19 परीक्षण किट, दवाओं और...

ड्रग्स खरीदने के लिए मां-बाप ने बच्चों की लगाई बोली, लड़के का दाम 60 हजार, 14 हजार में लड़की

नई दिल्ली ड्रग्स खरीदने के लिए पैसे का इंतजाम नहीं हो पा रहा था, फिर मां-बाप ने अपने बच्चों को...

आंधी-तूफान की भी चेतावनी जारी, इन चार राज्यों में कल से तीन दिनों तक होगी बारिश, कश्मीर में शीतलहर जारी

नई दिल्ली उत्तर भारत में सर्दी शुरू हो गई है। दिल्ली में तो ठंड के बीच बारिश का भी अलर्ट...

अशनीर को कंपनी के सीक्रेट शेयर करने से रोका जाए, BharatPe की कोर्ट से गुहार

नई दिल्ली फिनटेक फर्म भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब भारतपे की मूल इकाई...

CM और LG मिलकर करें फैसला, केजरीवाल सरकार को SC ने दी क्या नसीहत

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच...

थाईलैंड में बोले मोहन भागवत- हिंदुत्व की ओर देख रही दुनिया, हर हिंदू तक पहुंचना होगा

नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद के...

देख लीजिए डेमो कि कैसे टनल में फंसे 41 मजदूर निकाले जाएंगे बाहर, पहिए वाला स्ट्रेचर, लंबी सी रस्सी और…

उत्तराखंड सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के लिए देशभर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं। हर कोई यह मनोकामना...

सीएम के चेहरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का बड़ा बयान, कहा- संगठन तय करेगा सीएम फेस

रायपुर. छत्तीसगढ़ में खत्म होने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी राज्य में सरकार बनाने की दावा कर...

मुंगेली : आरोपियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई तो बंद रहेंगी शराब की दुकानें

मुंगेली. मुंगेली में शराब दुकान कर्मचारियों पर जानलेवा हमला हुआ था। घटना के चार-पांच दिन बाद भी आरोपी के खिलाफ...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।