7 दिन में नियम तय करें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डीपफेक के खिलाफ आर-पार के मूड में सरकार : मंत्री राजीव चंद्रशेखर

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नई दिल्ली
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार डीपफेक जैसी आपत्तिजनक सामग्री से पीड़ित होने पर आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आईटी नियमों के अनुसार अपनी इस्तेमाल की शर्तों को तय करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करेगा, जिस पर यूजर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित कर सकेंगे। मंत्री ने कहा, "Meity यूजर्स को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा।"

सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद चंद्रशेखर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘आज से आईटी नियमों का उल्लंघन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं (जीरो टॉलरेंस) किया जाएगा।’’ मंत्री ने कहा कि मध्यस्थ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और यदि वे यह जानकारी देते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो सामग्री साझा करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचों को आईटी नियमों के मुताबिक बदलाव करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया, "आज से आईटी नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस है।" चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि नियम 7 के तहत, एक अधिकारी को नामांकित किया जाएगा जिसे एक तंत्र बनाने का काम सौंपा जाएगा जहां यूजर्स डीपफेक के संबंध में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। उन्होंने कहा, "नियम सात अधिकारी भी एक ऐसा व्यक्ति होगा जो एक ऐसा मंच तैयार करेगा जहां नागरिकों के लिए अपने नोटिस या आरोपों या प्लेटफार्मों द्वारा कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट को भारत सरकार के ध्यान में लाना बहुत आसान होगा। और नियम 7 अधिकारी उस डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी लेगा और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देगा। इसलिए हम नागरिकों के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट सरकार को करना बहुत आसान बना देंगे।" मंत्री ने यह भी कहा कि मध्यस्थ (intermediary) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अगर वे डिटेल का खुलासा करते हैं कि कंटेंट कहां से जेनरेट हुआ है तो उस इकाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी जिसने कंटेंट पोस्ट किया है। ‘डीपफेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का इस्तेमाल करके वीडियो, तस्वीरों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है।

 

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