CM और LG मिलकर करें फैसला, केजरीवाल सरकार को SC ने दी क्या नसीहत
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच चल रही खींचतान में हस्तक्षेप किया। दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल को जो अधिकारी मंजूर है वह एलजी वीके सक्सेना को नहीं है। ऐसे में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और उपराज्यपाल को नसीहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल साथ मिलकर इस मुद्दे पर मुलाक़ात कर एक साथ क्यों नहीं बैठते और विचार करते हैं?
कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि इस बात का ख्याल रखा जाए कि अफसरों के नाम सोशल मीडिया पर सार्वजनिक ना हों। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ये अफसरों के करियर का सवाल है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने एलजी और केंद्र सरकार को सक्षम लोगों के नाम का सुझाव पैनल को देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने या केंद्र द्वारा एक नया अधिकारी नियुक्त करने के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई है। सुनवाई के दौरान एलजी के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पैनल को सुझाये गए नाम किसी मीडिया या सोशल मीडिया पर लीक नहीं होने चाहिए। फ़िलहाल मुख्य सचिव को अपने मामले में हाईकोर्ट जाना पड़ा है। सुनवाई के दौरान एलजी के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पैनल को सुझाये गए नाम किसी मीडिया या सोशल मीडिया पर लीक नहीं होने चाहिए। फ़िलहाल मुख्य सचिव को अपने मामले में हाईकोर्ट जाना पड़ा है।
सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा, 'हमेशा दिल्ली सरकार ही नियुक्ति करती है। अब एक सामान्य अध्यादेश है, मैं जिस पर आपत्ति जता रहा हूं वह एलजी का एकतरफा फैसला है।' इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वास्तव में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सेवा विधेयक का जिक्र करते हुए आक्षेपित संशोधन से पहले भी ये नियुक्तियां की थीं। हालांकि सिंघवी ने इस बिंदु पर तर्क देते हुए कहा कि मंत्रालय केवल मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर नियुक्तियां करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान कहा कि यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। हमने डीईआरसी (दिल्ली विद्युत नियामक आयोग) के चैयरमैन की नियुक्ति के मामले में भी यही कहा था। लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। जब हम एलजी और सीएम केजरीवाल को मुलाक़ात के लिए कहते हैं तो भी यह मुलाकात नहीं करते। कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एलजी और केंद्र सरकार कुछ नाम पैनल को सुझाएं। पैनल उनमें से किसी नाम को चुने।