शिवशंकर सोनपिपरे

फ्लैग मार्च कर पुलिस ने 72 घंटे के टोटल लाॅक डाउन का पालन करने किया अपील – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर /इतेश सोनी:- पुलिस अधीक्षक गरियाबंद भोजराम पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर के निर्देशन पर मैनपुर थाना प्रभारी भूषण...

मनरेगा कार्य बेहतर ढंग से किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंस का हो रहा है पालन.. सी. ई. ओ.

बालोद.. ग्रामीण भारत के ज्यादातर आबादी देश के गांव में बसती है जंहा जीविकापार्जन का मुख्य जरिया कृषी है आज...

CRPF के जवानों द्वारा कमल विहार, मठपुरैना और जीवन विहार कालोनी में किया गया भोजन वितरण…………

CRPF के जवानों द्वारा लगातार भोजन वितरण का काम चल रहा है। जब से पूरे भारत मे कोरोना वायरस के...

सुमेर ने राहत कार्यों के लिए फिर माकपा को दिया एक ट्रक केला

बेमेतरा जिले के बेरला गांव के किसान सुमेरसिंह सांगवान ने लॉक डाऊन के कारण आर्थिक रूप से कमजोर और भुखमरी...

मैनपुर में संपूर्ण लाॅक डाउन चारो तरफ सन्नाटा – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर । कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने दो दिन का टोटल लाॅक डाउन का...

वक्ता मंच का राहत कार्य जारी

रायपुर।प्रदेश की सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा लॉक डॉउन से प्रभावित गरीब,प्रवासी,बीमार एवं जरूरतमंद व्यक्तियो के लिए आज लगातार 12...

वन विभाग कुकरेल के दुर्व्यवहार से आम लोगो को हो रही परेशानी

छत्तीसगढ़/धमतरी - छत्तीसगढ़ में कोरोना को देखते हुवे शासन प्रशासन द्वारा लगातार ठोस कदम उठाया जा रहा है वही दूसरी...

आज CRPF के जवानों द्वारा कबीर नगर एवं स्लम इलाको में किया गया भोजन वितरण…. ..

बता दे की CRPF के वी .आई .पी. रोड स्थित कैम्प में जवानों द्वारा स्वच्छ व शुद्ध खाना बनाया जाता...

9 लीटर अवैध शराब के साथ आरोपी गिरफ्तार- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ मैनपुर:- तहसील मुख्यालय मैनपुर से 9 किमी दूर ग्राम बेहराडीह में आज...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।