बगैर राजस्व अनुमति काट दिए पेड़.. भू राजस्व अधिनियम, व पंचायती राज अधिनियम की उड़ी धज्जियाँ… प्रशासन बेखबर….

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छत्तीसगढ़/धमतरी–हरियर योजना के तहत राज्य सरकार पूरे प्रदेशभर में हरियाली लाने के नाम से हर साल लाखों, करोड़ों रुपए खर्च कर पौधरोपण करती है। वहीं कुछ पंचायतों में धड्ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं।
यह है नियम-
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 के अनुसार किसी के घर,सार्वजनिक स्थान, कोई पेड़ हैं तो उसे काटने के लिये सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है। उल्लंघन किए जाने पर भू राजस्व संहिता 253 के तहत जुर्माने का प्रावधान है,वर्तमान संशोधन के अनुसार प्रत्येक प्रकरण पर पचास हजार रु जुर्माना तय है।
पूरा मामला धमतरी ब्लॉक ग्राम सेहराडबरी में एक ऐसा कारनामा सामने आया है। जहां मनरेगा के तहत तालाब निर्माण कार्य होना है । वहीं पंचायत के पदाधिकारियों के द्वारा पंचायत प्रस्ताव कर पेड़ों को नीलामी के लिए भी रखा गया है।

पेड़ों की कटाई करने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत ने पास कर दिया…

जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले पंचायत पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें तालाब निर्माण कार्य में पेड़ों की कटाई करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया और इसकी नीलामी के लिए रख दी गई हैं।
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि पंचायत के पदाधिकारियों ने अपनी मनमानी के चलते इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में पंचायत सरपंच किसन नेताम ने कहा कि मनरेगा का कार्य होना है , जिसमें कटीली पेड़ थी तालाब निर्माण में दिक्कत होगी जिसके कारण पेड़ों को काटने का प्रस्ताव लिया गया है।
रोजगार सहायिका ने बताया कि उक्त जगह को देखने जनपद पंचायत के अधिकारी पीईओ आये थे । कटीली पेड़ होने के कारण ग्रमीण प्रस्ताव लेकर कटाई किया गया।
साथ ही पूर्व में निर्मित मिट्टी सड़क निर्माण कार्य किया गया है जो कि वर्तमान में पूर्ण होने के बावजूद नागरिक सूचना पटल बोर्ड अधूरा कार्य किया है जिसमे न राशि अंकित है न ही न ही कार्य प्रारंभ, पूर्ण दिनांक जो कि साफतौर पर पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन है।

इस सम्बंध में जनपद सीईओ को सूचना देने पर भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है..
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन क्या ठोस कदम उठाते हैं..।

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