वर्ग 3 की वेतन विसंगति दूर कराने व संविलियन में 8 वर्ष का बंधन समाप्त कराने शिक्षक मोर्चा प्रयासरत – गजराज सिंह…

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वर्ग 3 की वेतन विसंगति दूर कराने व संविलियन में 8 वर्ष का बंधन समाप्त कराने शिक्षक मोर्चा प्रयासरत – गजराज सिंह

सुदीप्तो चटर्जी “खबरीलाल” (रायपुर) ::- शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा संविलियन के संबंध में जो आशंकाएं हैं और कमियां रह गई है, उसे दूर कराने के लिए सतत प्रयासरत है। मोर्चा के संचालक उच्चाधिकारियों से मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यसचिव से मुलाकात का समय मांगा गया है। शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश प्रवक्ता व शिक्षक मोर्चा के प्रदेश उपसंचालक गजराज सिंह राजपूत ने बताया कि शिक्षक मोर्चा वर्ग 3 की वेतन विसंगति दूर कराने व संविलियन में 8 वर्ष का बंधन समाप्त कराने के मुद्दे को लेकर गंभीर है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

शिक्षाकर्मियों को भ्रमित होकर व आवेश में आकर जल्दबाजी में कोई भी अनुचित कदम उठाने की कतई आवश्यकता नही है। शिक्षक मोर्चा व प्रांतीय नेतृत्व शिक्षाकर्मियों की पीड़ा व भावनाओं से भलीभांति अवगत है। लेकिन वर्तमान में कौन सा रास्ता अपनाया जाए ये महत्वपूर्ण विषय है। शिक्षक मोर्चा समस्त शिक्षाकर्मियों के साथ है। जिस तरह से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों ने शिक्षक मोर्चा पर विश्वास व्यक्त करते हुए संविलियन, वेतन विसंगति, क्रमोन्नति, अनुकम्पा, सातवां वेतनमान, स्थानांतरण, अप्रशिक्षितों का प्रशिक्षण सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर असरकारक और जबरदस्त आंदोलन किया था। जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री जी ने संविलियन की घोषणा की। शासन ने 18 जून को कैबिनेट की बैठक में संविलियन एवं सातवाँ वेतनमान को स्वीकृत करने की जानकारी मिडिया, मुख्यमंत्री जी एवं मंत्रीगणों के बयानों के माध्यम से सार्वजनिक की गई। किन्तु अब तक न ही इस संबंध में अधिसूचना या राजपत्र सामने आई है, और न ही अधिकृत रूप से उक्त आशय की सूचना शिक्षक मोर्चा को प्रदान की गई है।

इसके अलावा कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय की संक्षेपिका भी अब तक सार्वजनिक नही की गई है। शिक्षक मोर्चा को भी संक्षेपिका प्राप्त नही हुई है। जिसके कारण समस्त शिक्षाकर्मियों के बीच संविलियन की शर्तों, प्रक्रिया, क्रियान्वयन, वेतन निर्धारण, क्रमोन्नति/समयमान, वेतन विसंगति का निराकरण, वरिष्ठता आदि अन्य मुद्दों को लेकर असमंजस व्याप्त है,तथा अनेक तरह की आशंकाएं कर्मचारियों के मन में है। उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मियों के मन की आशंकाओं का भी निराकरण आवश्यक है ताकि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की आशाओं और मंशानुरूप संविलियन प्रदान किया जा सके।

प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मी साथी अपना धैर्य बनाये रखें। मुख्यसचिव जी से मुलाकात के बाद ही समस्त स्थितियां स्पष्ट होगी। आने वाले समय में शिक्षाकर्मियों के हित में जो उचित होगा वो निर्णय लिया जाएगा। आंदोलन से बाहर रहने वाले कुछ लोग शिक्षाकर्मियों को भड़काने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से शिक्षाकर्मियों को सावधान रहना होगा।

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