साधुओं का संग ही संसार रूपी रोग का औषधि है : इंदुभवानंद…

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साधुओं का संग ही संसार रूपी रोग का औषधि है : इंदुभवानंद

सुदीप्तो चटर्जी “खबरीलाल” ::- श्री शिवम विद्यापीठ द्वारा आयेजित त्रिदिवासिय प्रतिष्ठा यज्ञ के दूसरे दिन रायपुर स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख डॉ इंदुभवानंद महाराज मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानंद ने अपने प्रवचन में कहा कि साधुओं का संग ही औषधि है। इस संसार रूपी रोग के निवृत्ति के लिए साधु-संतों का आश्रय लेना अत्यंत आवश्यक है। बगैर संतों की कृपा से संसार रूपी रोग की निवृत्ति नहीं हो सकती है। संसार की चार वस्तुएं ही सार रूप में वर्णित है – काशी का निवास, संतों का संग, गंगा जी का सान्निध्य तथा भगवान शिव का पूजन। यही चार वस्तुएं ही संसार का पार है। यदि यह चारों प्राप्त हो जाये तो निश्चित ही जीव को परमात्मा की प्राप्ति हो जाएगी। आज के इस कार्यक्रम में दतिया से आये साधु संत, अवधेश शर्मा व उनके परिवार के सदस्यों के साथ विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

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