छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमले, दुर्व्यवहार, धमकी, हत्या को देखते हुवे ( IFWJ) के राष्ट्रीय सचिव शिवशंकर सोनपिपरे ने पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द लागू करने की मांग
रायपुर/ इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ( IFWJ) के राष्ट्रीय सचिव शिवशंकर सोनपिपरे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीती रात
राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में रिपोर्टिंग करने गए पत्रकारों के साथ धक्का मुक्की और बदसलूकी की गई है। रविवार सोमवार की मध्यरात्रि ये घटना उस वक्त हुई जब उरला में हुई चाकूबाजी की रिपोर्टिंग करने पत्रकार अस्पताल पहुंचे हुए थे। लेकिन पत्रकार जब अस्पताल के भीतर प्रवेश करने लगे तो उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोका गया, और प्राइवेट बाउंसरों ने पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की।
बाउंसरों ने पुलिस के सामने ही पत्रकार के साथ बदसलूकी की, और ये पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। एक बाउंसर जो कमर पर पिस्टल फसाए हुए था वो भी पत्रकारों को धमकाता रहा। लेकिन पुलिस ने तबतक कोई कार्रवाई नही की। जिससे नाराज़ पत्रकारों ने बाउंसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहले तो अस्पताल के सामने विरोध जताया, और फिर कार्रवाई के अभाव में बड़ी संख्या में पत्रकार देर रात मुख्यमंत्री आवास के सामने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। विरोध तेज होता देख हरकत में आई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लिया और आज उन बाउंसरों का जुलूस निकालकर अपराधियों को कड़ा संदेश दिया गया है।
शिवशंकर ने आगे कहा इस घटना के दौरान पत्रकारों की एकजुटता काम आई, लेकिन पत्रकारों के साथ पूरे प्रदेश में दुर्व्यवहार की घटना आम बात हो गई है। चाहे वह सरकारी और प्राइवेट संस्थान क्यों न हो। रिपोर्टिंग करने के दौरान पत्रकारों को डराया धमकाया जाता रहा है, उनपर जानलेवा हमले और हत्या जैसी घटना लगातार सामने आती रही है।
छत्तीसगढ़ में पूर्व की भूपेश बघेल की सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून तैयार कर रखा था, लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार ने अबतक उस कानून को लागू नही किया है। शिवशंकर सोनपिपरे ने कहा कि ताज़ा घटना से सबक लेते हुए राज्य सरकार को जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए।