कुल्हाड़ीघाट में मिला दो तेंदुआ का पंजा का निशान, वन विभाग ने दो बाघ होने मचा दिया हल्ला | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में दो बाघों का पंजा मिलने का वन विभाग ने छपवा दिया फर्जी समाचार |

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कुल्हाड़ीघाट में मिला दो तेंदुआ का पंजा का निशान, वन विभाग ने दो बाघ होने मचा दिया हल्ला | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में दो बाघों का पंजा मिलने का वन विभाग ने छपवा दिया फर्जी समाचार |
रायपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट में दो बाघों का पंजा का निशान मिलने का वन विभाग ने झूठा दावा किया है | कुल्हाड़ीघाट में दो तेंदुआ का पंजा का निशान मिला है जिस पर वन विभाग ने दो बाघ होने हल्ला मचा दिया और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में दो बाघों का पंजा मिलने का फर्जी समाचार छपवा दिया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट में एक माह से दो तेंदुआ घूम रहे है जिसका समाचार भी प्रकाशित हुआ था उसी दो तेंदुआ का पंजा का निशान अभी वन विभाग को मिला है जिसे वन विभाग ने बाघ का पंजा होने का झूठा दावा कर फर्जी समाचार छपवा दिया है जबकि वास्तविकता यह है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ साबित करने के लिए वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट में बाघ का फर्जी फोटो, फर्जी पंजा, फर्जी मल बनाया जाता है जिसके सम्बन्ध में रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने वर्ष 2020 में गरियाबंद कलेक्टर को मामले की शिकायत किया था | शिकायत किये जाने पर गरियाबंद कलेक्टर के द्वारा प्रकरण क्रमांक 25 / 2020 पंजीबद्ध कर मामले की जांच किये जाने के लिए वन विभाग को प्रकरण भेजा गया था परन्तु गरियाबंद कलेक्टर के निर्देश के बाद भी वन विभाग के द्वारा 05 साल के बाद भी बाघ का फर्जी फोटो, फर्जी पंजा, फर्जी मल का जांच कार्यवाही नहीं किया गया है |
कुल्हाड़ीघाट में बाघ का फर्जी सबूत फर्जी फोटो, मल, पंजा बनाए जाने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही है |
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व दो जिलो धमतरी और गरियाबंद जिलो के लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसके जंगल के अन्दर में पचासों गाँव है जिसमे से केवल कुल्हाड़ीघाट में ही बाघ का फर्जी सबूत बनाए जाने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने शिकायत किया है जिसके बाद वन विभाग ने कुल्हाड़ीघाट में ही बाघ का फोटो, मल, पंजा मिलने का दावा किया है | उल्लेखनीय है की कुल्हाड़ीघाट में बाघ का फर्जी सबूत बनाए जाने का शिकायत किया गया है और फिर वन विभाग के द्वारा कुल्हाड़ीघाट में ही बाघ का फोटो, मल, पंजा मिलने का दावा करता है | इस घटना से सवाल उठता है की 2000 वर्ग किलोमीटर में फैले उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में पचासों गाँव है तो फिर वन विभाग को उन पचासों गाँवों में बाघ का फोटो, मल, पंजा क्यों नहीं मिलता है वन विभाग को कुल्हाड़ीघाट में ही बाघ का फोटो , मल, पंजा क्यों मिलता है | इससे स्पष्ट है कुल्हाड़ीघाट में बाघ का फर्जी सबूत बनाए जाने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही है |
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के फर्जी बाघ के फर्जी सबूत का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गयी है शिकायत
वन विभाग द्वारा बाघ साबित करने के लिए बाघ का फोटो, मल, पंजा बनाए जाने की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण – NTCA को किया गया है | वन विभाग बाघ साबित करने के लिए कम्प्यूटर में बाघ का फर्जी फोटो बनाते आ रहा है | प्रधान मंत्री को भेजे गए शिकायत पत्र में बिंदु वार शिकायत किया गया है की –
(01)- वन विभाग के पास बाघ की वंशावली की जानकारी कोई भी जानकारी नहीं है|
(02)-10 साल से बाघ है तो 10 साल के बाघों के पंजो का रिकार्ड वन विभाग के पास नहीं है |
(03) – 10 साल से बाघों का मल का प्रमाण भी वन विभाग के पास नहीं है|
(04)-10 साल से बाघ ने किन जानवरों का शिकार किया उनका कंकाल कहा है जानकारी वन विभाग के पास नहीं है|
(05)-10 साल से बाघ है उनकी वंश वृद्धि नहीं हो रही है की जानकारी वन विभाग के पास नहीं है,
(06) – बाघ है तो आज तक किसी ने आंखो से क्यों नहीं देखा वन विभाग के पास जवाब नहीं है,
(07) – बाघ है तो आज तक उन बाघों का नामकरण क्यों नहीं किया गया है वन विभाग के पास जवाब नहीं
(08) – बाघ है तो कितने नर कितने मादा है वन विभाग के पास जवाब नहीं है |