मई में यूरोप में ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध हुआ है | यूरोप के स्वीटजरलैंड में ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न हुआ है |

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मई में यूरोप में ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध हुआ है | यूरोप के स्वीटजरलैंड में ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न हुआ है

रायपुर | मई में यूरोप में ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध हुआ है | यूरोप के स्वीटजरलैंड में  ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न हुआ है | रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने एक माह पहले भारत सरकार को ग्लेसियर पिघलने का वैज्ञानिक सिद्धांत बताया था | ब्रम्हांड से किसी ने सिगनल – SIGNAL भेज कर रिसर्चर तीव कुमार सोनी को वैज्ञानिक सिद्धांत बताया उस सिगनल – SIGNAL को रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने डी कोड – D CODE  किया और रिसर्च पेपर में लिख कर दिनांक 15.04.2025 को भारत सरकार को वैज्ञानिक सिद्धांत बताया की 29 मार्च 2025 के सूर्यग्रहण से सूर्य का विद्युत चुम्बकीय बल डिस्टर्ब हो गया है जिस कारण से यूरोप में मई माह में ग्लेसियर के पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न हो सकता है | रिसर्चर तीव कुमार सोनी के रिसर्च में बताये अनुसार ही मई माह में यूरोप के स्वीटजरलैंड में  ग्लेसियर पिघलने से भूस्खलन संकट उत्पन्न हुआ है जिससे रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध हुआ है |  रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने वैज्ञानिक सिद्धांत की मान्यता के लिए भारत सरकार को आवेदन प्रस्तुत किया है | 

रिसर्चर तीव कुमार सोनी के वाईरस, महामारी, भूकंप, तूफ़ान, जलप्रलय के 100 रिसर्च सही सिद्ध

रिसर्चर तीव कुमार सोनी के सभी रिसर्च एक एक कर सही साबित होते जा रहे है | भारत सरकार को प्रस्तुत किये गए उनके 100 वैज्ञानिक रिसर्च सही सिद्ध हो गए है | उनके रिसर्चो को उनके वेबसाईट https://tivkumarsoni.in  में देखा जा सकता है | उन्होंने भारत सरकार को वैज्ञानिक सिद्धांत बताया है की सूर्यग्रहण के कारण सूर्य के विद्युत चुम्बकीय बल डिस्टर्ब हो जाता है जिस कारण पृथ्वी पर वाईरस, महामारी, भूकंप, तूफ़ान, जलप्रलय प्राकृतिक आपदा उत्पन्न होते है और सूर्य के विद्युत चुम्बकीय बल के द्वारा वाईरस, महामारी, भूकंप, तूफ़ान, जलप्रलय प्राकृतिक आपदा को रोका जा सकता है | उनके वैज्ञानिक सिद्धांतो की मान्यता के लिये भारत सरकार को आवेदन प्रस्तुत किया है |

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